19 या 20 मार्च..कब मनाई जाएगी रंगपंचमी? इस दिन राधा-कृष्ण को अर्पित कर दें ये चीज, साल भर बरसेगा धन!
Rang Panchami 2025: होली के ठीक 5 दिन बाद रंग पंचमी का पर्व मनाया जाता है. इसे देवताओं की होली भी कहते हैं. मान्यता है कि इस राधा-कृष्ण ने होली खेली थी. ऐसे में कुछ उपाय आप भी साल भर राधा-कृष्ण की कृपा पा सकते हैं.

उज्जैन. पूरे भारत में बड़े ही धूमधाम के साथ होली का पर्व मनाया जाता है. रंग पंचमी होली के पांच दिन बाद मनाई जाती है. यह सिर्फ रंग खेलने का त्योहार नहीं, बल्कि धार्मिक और आध्यात्मिक महत्व रखने वाला दिन भी है. मान्यता है कि इस दिन देवी-देवताओं को रंग अर्पित करने से वे प्रसन्न होते हैं और आशीर्वाद देते हैं.
धार्मिक मान्यता के अनुसार, इस दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा ने होली खेली थी. इससे खुश होकर देवी-देवताओं ने पुष्प वर्षा की थी. इसलिए इसे देवी-देवताओं की होली भी कहा जाता है. रंग पंचमी के दिन देवी-देवताओं की पूजा करने से भी शुभ फलों की प्राप्त होती है. उज्जैन के आचार्य आनंद भारद्वाज से जानते हैं कब है रंग पंचमी का पर्व?
जानिए कब मनाई जाएगी रंगपंचमी
वैदिक पंचांग के अनुसार, चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की पंचमी तिथि 18 मार्च की रात 10:09 बजे से शुरू होकर 20 मार्च की रात 12:37 बजे तक रहेगी. चूंकि हिंदू धर्म में त्योहारों को उदया तिथि के अनुसार मनाया जाता है, इसलिए रंग पंचमी 19 मार्च 2025 (बुधवार) को मनाई जाएगी.
रंगपंचमी का धार्मिक महत्व
मान्यता है कि रंग पंचमी के दिन भगवान श्रीकृष्ण और राधा रानी ने होली खेली थी. स्वर्ग से देवी-देवताओं ने पुष्प वर्षा की थी. यही कारण है कि इस दिन अबीर-गुलाल उड़ाने की परंपरा है. मान्यता है कि इस दिन रंग खेलने से दैवीय शक्तियां प्रसन्न होती हैं और घर में सुख-समृद्धि आती है. वहीं, रंग पंचमी के दिन लक्ष्मी-नारायण की पूजा करने का विशेष महत्व है. इस दिन विधि पूर्वक पूजा करने से देवी लक्ष्मी प्रसन्न होती हैं और घर में धन-वैभव की वृद्धि होती है.
इस दिन जरूर करें ये काम
रंग पंचमी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और भगवान श्रीकृष्ण, राधा और लक्ष्मी-नारायण की पूजा करें. इस दिन उन्हें अबीर और गुलाल चढ़ाएं और आशीर्वाद की कामना करें. घर में हवन या पूजा करने से नकारात्मक ऊर्जा दूर होती है. सकारात्मकता बनी रहती है. इस दिन गरीबों को भोजन कराना और जरूरतमंदों की मदद करना भी शुभ माना जाता है.