हनुमान जी को क्यों चढ़ाया जाता है सिन्दूर? भगवान राम से जुड़ा रहस्य, पुजारी से जानें पूरी कहानी
Hanuman sindoor story: गुमला स्थित आंजन धाम, हनुमान जी की जन्मस्थली, एक महत्वपूर्ण धार्मिक स्थल है. यहां हनुमान जी को सिन्दूर चढ़ाने की परंपरा के पीछे एक दिलचस्प कथा है. वहीं यहां के पुजारी ने बताया कि आखिर क्यों हनुमान जी ने प्रभु श्रीराम को प्रसन्न करने के लिए अपने पूरे शरीर पर सिन्दूर लगाया, तभी से हनुमान जी को सिन्दूर प्रिय है.

गुमला. प्रभु श्रीराम के सबसे प्रिय भक्त हनुमान जी को सिन्दूर बहुत प्रिय है. आखिर क्यों हनुमान जी को सिन्दूर लगाया जाता है. आंजन धाम के पुजारी ने बताया कि हनुमान जी को लगता है कि मेरे सिन्दूर लगाने से प्रभु श्री राम प्रसन्न होंगें. इसलिए उन्हें सिन्दूर चढ़ाया जाता है.जानें विस्तृत जानकारी….
बताते चलें कि गुमला के आंजन धाम को भगवान हनुमान जी की जन्मस्थली मानी जाती है. यह पवित्र स्थल भक्तों के लिए आस्था और प्राकृतिक सौंदर्य का अद्वितीय संगम है. आंजन धाम जो गुमला शहर के चहल पहल से दूर प्रकृति की गोद में पहाड़ी की चोटी में स्थित है, जो जिला मुख्यालय से लगभग 19 किमी की दूरी पर है. जो घने जंगल, ऊंची पहाड़ियां, और हरियाली से घिरा हुआ है. साथ ही यह धाम हनुमान जी के बाल स्वरूप की दुर्लभ प्रतिमा के लिए भी जाना जाता है, यहां हनुमान जी अपने बाल स्वरूप में माता अंजनी की गोद में विराजमान है, जो भगवान हनुमान की दुर्लभ प्रतिमा है. यह स्थान धार्मिक दृष्टि से अत्यंत महत्वपूर्ण है, क्योंकि मान्यता है कि इसी पहाड़ी की गुफा में माता अंजनी ने भगवान हनुमान को जन्म दिया था. इसलिए इस गांव का नाम माता अंजनी के नाम पर आंजन धाम पड़ा.
क्यों दो दिन है हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व?
मंगलवार और शनिवार को हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है. ऐसा माना जाता है कि इन दिनों सच्चे मन से पूजा करने पर बजरंगबली अपने भक्तों से प्रसन्न होते हैं और अपने भक्तों की हर मनोकामना पूरी करते हैं और हनुमान जी अपने भक्तों की सभी संकटों को हरते हैं और सुख, शांति, समृद्धि प्रदान करते हैं.
आंजन धाम के पुजारी केदारनाथ पांडे ने बताया कि हनुमान जी को सिंदूर लगाने की प्रक्रिया है. क्योंकि इससे प्रभु श्री राम प्रसन्न होते हैं और जिससे हनुमान जी प्रसन्न होते हैं. प्रभु श्री राम ने सीता माता को सिंदूर दान दिए थे. वहीं एक बार जब मां सीता अपने मांग में सिंदूर लगा रही थीं. तभी अचानक हनुमान जी वहां आ गए और बड़ी भी भावुकता के साथ सीता माता से पूछते हैं कि माता ये क्या है?
सभी क्यों हसने लगे ?
सीता माता ने तब कहा कि इसे लगाने से प्रभु श्रीराम प्रसन्न होते हैं. प्रभु श्रीराम उन्हें अपने दिल में रखते हैं और मानते हैं. सीता माता के मुख से ये बात सुनकर हनुमान जी माता सीता के सिंदूर के डिब्बे को देखते रह गए. तब उनके मन में विचार आया कि प्रभु श्रीराम जब माता सीता की मांग में थोड़ा सा सिंदूर देखकर प्रसन्न होते हैं, तो हनुमान जी ने सिंदूर निकाला और अपने पूरे शरीर पर लगा लिया . ये सोचकर कि इसे लगाने से प्रभु श्रीराम प्रसन्न होते हैं और हनुमान जी जब सिंदूर लगाकर भरी सभा में गए, तो हनुमान जी को इस तरह से सिंदूर से सना देखकर सब हंसने लगे .
प्रभु श्रीराम भी हंसने लगे और हनुमान जी से पूछे हनुमान ये क्या हाल बनाकर आए हो. तब हनुमान जी बड़े ही प्यार से कहा कि जब सीता माता की मांग में आप थोड़ा सा सिंदूर देख प्रसन्न होते हैं . इसलिए मैंने इसे अपने पूरे शरीर पर लगा लिया, ताकि आप प्रसन्न होंगे. हनुमान जी की ये बात सुनकर प्रभु श्रीराम अति प्रसन्न हुए और हनुमान जी को अपने सीने से लगा लिया, तब से हनुमान जी को सिन्दूर लगाया जाता है और हनुमान जी को सिन्दूर बहुत ही प्रिय है.