क्या अकबर पहला मुस्लिम राजा था, जिसकी हिंदू बीवी थी
अक्सर फिल्म और टीवी धारावाहिकों में ये जिक्र होता है कि अकबर (Emperor Akbar) पहला ऐसा मुस्लिम शासक (Mughal rural) था, जिसके रनिवास (Harem) में हिदू रानियां थीं. दूसरे धर्म में शादी करके उसने एक अलग तरह के राजनय की शुरुआत की लेकिन अकबर से पहले भी एक मुस्लिम शासक ये कर चुका था.
अक्सर ये माना जाता है कि मुगल साम्राज्य के दौरान जितने शहंशाह हुए, उसमें अकबर पहला ऐसा राजा था, जिसके रनिवास में पहली बार कोई हिंदू रानी आई. अकबर की प्रमुख रानी के तौर पर अक्सर जोधा बाई का जिक्र होता है. उस पर फिल्में और टीवी धारावाहिक बन चुके हैं. क्या वाकई ऐसा था. बालीवुड की फिल्म मुगल-ए-आजम देखते हुए ऐसा लगता है कि अकबर ने पहली बार हिंदू राजकुमारी से शादी रचाई थी.

इस बारे में तथ्य ये है कि ऐसा कोई समकालीन रिकॉर्ड नहीं है कि अकबर के रनिवास में जोधा नाम की कोई रानी थी. या उसने जोधपुर रियासत की राजकुमारी से शादी की थी.
अकबर की 03 हिंदू रानियां थीं
हां, इस बात के रिकॉर्ड जरूर मिलते हैं कि अकबर ने तीन हिंदू राजकुमारियों से शादी की थी. इसमें पहली जयपुर के करीब अंबेर के राजा भारमल की बेटी थी. आइन-ए-अकबरी में अबुल फजल ने उल्लेख किया है कि अकबर की दो और हिंदू रानियां थीं. वो बीकानेर के कल्याण मल की भतीजी और जैसलमेर के रावल राय की बेटी.
जहांगीर की बीवी जोधपुर की राजकुमारी थी
आइन-ए-अकबरी में ये जिक्र कहीं नहीं हुआ है कि अकबर ने जोधपुर रियासत की राजकुमारी या जोधा से शादी की थी. जोधपुर के राजा उदय सिंह की बेटी के बारे में जरूर कहा जाता है कि वो जहांगीर की बीवी बनीं. यानि जोधपुर की राजकुमारी अकबर के महल में उनकी बहू बनकर आई.
अकबर की 03 हिंदू बीवियां थीं, जो राजस्थान की ही अलग अलग रियासतों से ताल्लुक रखती थीं. (साभार – विकी कामंस)
पहले भी मुस्लिम राजा कर चुके थे ऐसी शादियां
दरअसल इतिहास में अकबर की शादी राजनय पर काफी महत्व दिया गया है. इससे ये लगने लगता है कि वो शायद पहला मुस्लिम राजा था, जिसने हिंदू लड़की से शादी करके उसे रानी बनाया. वास्तविकता ये है कि इससे पहले भी ऐसा हो चुका था.
अलाउद्दीन खिलजी ने ये काम किया था
अकबर के सम्राट बनने से 300 साल पहले अलाउद्दीन खिलजी ने एक हिंदू लड़की से शादी करके उसे अपनी हरम में रानी बनाया था. अलाउद्दीन ने 1297 में एक सैन्य अभियान आलफ खान और नुसरत खान की अगुवाई में गुजरात भेजा था. उन्होंने कई राजाओं के साथ राय करुण को हराया था. उसकी पत्नी कमला देवी या कावला की सुंदरता के काफी चर्चे थे.
अकबर से 300 साल पहले अलाउद्दीन खिलजी ने 02 हिंदू महिलाओं से शादी की थी. दोनों ही गुजरात के राजघरानों से ताल्लुक रखती थीं. बाद में अलाउद्दीन की बहू भी एक हिंदू राजकुमारी बनी.
हारने के बाद राज कर्ण भाग गया. तब रानी कमला देवी को दिल्ली में अलाउद्दीन के हरम में भेजा गया, जहां उसे जल्दी ही प्रमुख स्थिति हासिल हो गई.
अलाउद्दीन के बेटे की बीवी भी दूसरे धर्म की थी
इसके अलावा अलाउद्दीन ने गुजरात के देवगिरी की राजकुमारी जतयापाली से भी शादी की थी. बाद में जतयापाली से पैदा हुआ शिहाबुद्दीन अपने पिता के निधन के बाद उसकी गद्दी का वारिस भी बना. रिकॉर्ड कहते हैं कि देवगिरी के राजा रामदेव ने अपनी बेटी का हाथ अलाउद्दीन के हाथ में दिया था.
कमला देवी की राजा कर्ण से एक बेटी भी थी, जिसका नाम देवाला देवी था. वो अलाउद्दीन की बहू बनी. जब उसे महल में लाया गया तो शहजादा खीज्र खान को उससे प्यार हो गया. दोनों की शादी हुई. इस लवस्टोरी को अमीरखुसरो ने 1315 में आशिक के नाम से लिखा भी.