बिपाशा-करण की फैमिली वेकेशन से सीखें मॉडर्न पेरेंटिंग के खास टिप्स, जानें क्यों जरूरी है बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम
बॉलीवुड कपल बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर हाल ही में अपनी बेटी देवी के साथ फैमिली वेकेशन पर थे और सोशल मीडिया पर उनकी प्यारी तस्वीरें और वीडियोज काफी वायरल भी हुईं. इस मौके पर जो सबसे खास बात सामने आई वो है उनका बेटी के साथ बिताया गया क्वालिटी टाइम.
Bipasha Karan Parenting Tips: हाल ही में बिपाशा बसु और करण सिंह ग्रोवर अपनी बेटी देवी के साथ वेकेशन पर गए थे, जहां से उन्होंने सोशल मीडिया पर कई क्यूट तस्वीरें भी शेयर कीं. उन्होंने गोवा में अपनी 9वीं वेडिंग एनिवर्सरी सेलिब्रेट की और पूरे परिवार ने साथ मिलकर खुशनुमा पल बिताए. इन फोटोज़ में साफ देखा जा सकता है कि बिपाशा अपने परिवार के साथ क्वालिटी टाइम बिताने को कितनी अहमियत देती हैं. इस फैमिली वेकेशन की सबसे खास बात यह रही कि इसने यह एहसास दिलाया कि बच्चों के साथ समय बिताना सिर्फ प्यार जताने का तरीका नहीं, बल्कि पेरेंटिंग का एक जरूरी हिस्सा भी है. इसलिए, पैरेंट्स को भी बच्चों के साथ छुट्टियां जरूर प्लान करनी चाहिए, ताकि आपसी रिश्ते और गहरे हो सकें.
इस वेकेशन की झलक हमें यह सिखाती है कि पेरेंटिंग सिर्फ बच्चों को खाना खिलाना या स्कूल भेजना नहीं है, बल्कि उनके साथ समय बिताना, उन्हें सुनना और साथ में खुश रहना भी उतना ही जरूरी है. चलिए जानते हैं इस फैमिली ट्रिप से मॉडर्न पैरेंट्स को क्या सीख मिलती है और क्यों बच्चों के साथ क्वालिटी टाइम बिताना जरूरी होता है–

क्वालिटी टाइम बिताना क्यों है जरूरी –
रिश्तों में गहराई आती है
बच्चों के साथ छुट्टियां मनाने से उनके साथ आपकी बॉन्डिंग और मजबूत होती है. एक्सपर्ट्स का मानना है कि जब पैरेंट्स बच्चों के साथ बिना डांट-फटकार या नसीहत दिए समय बिताते हैं, तो बच्चों को खुल कर बातचीत करने का मौका मिलता है. इससे उनका आत्मविश्वास भी बढ़ता है और रिश्ते भी मजबूत होते हैं.
बच्चों में आते हैं पॉजिटिव बिहेवियर
जब पैरेंट्स बच्चों के साथ नेचर के करीब या किसी रिलैक्सिंग जगह पर समय बिताते हैं, तो बच्चे नए अनुभवों से सीखते हैं. बिना किसी तनाव के साथ बिताया गया यह समय बच्चों में सकारात्मक सोच और अनुशासन को बढ़ावा देता है.
सेल्फ-कॉन्फिडेंस होता है मजबूत
दिनभर की भागदौड़ में जब पैरेंट्स बच्चों को सिर्फ 20-30 मिनट भी बिना शिकायत और टोकाटाकी के साथ बिताते हैं, तो बच्चों में खुद के लिए एक भरोसा पैदा होता है. यह छोटा सा समय उनके आत्मविश्वास को बढ़ाने में अहम रोल निभाता है.
स्ट्रेस होता है कम
एक वेकेशन ना सिर्फ बच्चों के लिए बल्कि पैरेंट्स के लिए भी स्ट्रेस बस्टर होता है. रोज़मर्रा की टेंशन से दूर यह समय परिवार को फिर से जोड़ने का मौका देता है. बिपाशा-करण की तरह ही आप भी बच्चों के साथ ट्रिप प्लान करके रिलैक्स हो सकते हैं.
इमोशनल इंटेलिजेंस होता है बेहतर
क्वालिटी टाइम से पैरेंट्स और बच्चों के बीच इमोशनल कनेक्शन बनता है. बातचीत, गेम्स या नेचर वॉक जैसी एक्टिविटीज़ से बच्चे सहानुभूति, आत्म-जागरूकता और दूसरों को समझने की क्षमता सीखते हैं. ये सब उनकी भावनात्मक समझ को बेहतर बनाता है.
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तो अगली बार छुट्टी मिले तो उसे सिर्फ आराम करने का समय न समझें, बल्कि बच्चों के साथ एक प्यारा और यादगार वेकेशन प्लान करें. बिपाशा और करण की तरह आप भी अपने बच्चे के बचपन को खूबसूरत यादों से भर सकते हैं. याद रखें, मॉडर्न पेरेंटिंग सिर्फ जिम्मेदारी नहीं, बल्कि साथ में जिंदगी के पल जीने का नाम है.