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युद्ध के माहौल में अपने मासूम बच्चों का इस तरह रखें ख्याल, उनको इस बारे में उम्र के अनुसार जरूर बताएं

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युद्ध के तनावपूर्ण माहौल में बच्चों को मानसिक रूप से स्थिर और सुरक्षित महसूस कराना माता-पिता की जिम्मेदारी है. सच्चाई को उम्र के अनुसार समझाएं, न्यूज़ एक्सपोज़र सीमित करें, भावनाएं व्यक्त करने का अवसर दें, रूटीन बनाए रखें, रचनात्मक गतिविधियों में लगाएं, ध्यान और सांस लेने की तकनीक सिखाएं, प्यार और साथ का अहसास दिलाएं, और खुद भी शांत रहें.

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Parenting, जैसा कि हम सभी लोग जानते हैं, इस समय दो देशों के बीच युद्ध के हालात छिड़े हुए हैं. इस समय में सभी घरों में न्यूज ही चल रहा है. जिससे लोग इसकी जानकारी लेते रहें. जाहिर सी बात है ऐसे में थोड़ा डर का माहौल तो बन ही जाता है. जब हम घर में ये सब देखते हैं, तो बच्चे भी इन सभी चीजों को देखते सुनते हैं. ऐसे तनावपूर्ण हालात में बच्चों के कोमल मन-मस्तिष्क पर गहरा असर डाल सकते हैं. ऐसे समय में माता-पिता और अभिभावकों की ज़िम्मेदारी होती है कि वे बच्चों को मानसिक रूप से स्थिर और सुरक्षित महसूस कराएं. नीचे कुछ उपयोगी टिप्स दिए गए हैं जो बच्चों के दिमाग को शांत रखने में आपकी मदद कर सकते हैं. आइए जानें.

युद्ध के माहौल में अपने मासूम बच्चों का इस तरह रखें ख्याल

1. सच्चाई को उम्र के अनुसार समझाएं
बच्चों से कुछ भी छुपाने की बजाय उनकी उम्र और समझ के अनुसार स्थिति को सरल शब्दों में समझाएं. उन्हें यह महसूस कराएं कि वे सुरक्षित हैं और आप उनके साथ हैं.

2. न्यूज़ एक्सपोज़र सीमित करें
टीवी, मोबाइल या सोशल मीडिया पर आने वाली डरावनी खबरों को देखने से रोकें. अधिक नेगेटिव जानकारी बच्चों को भ्रमित और डरा सकती है.

3. भावनाएं व्यक्त करने का अवसर दें
बच्चों से पूछें कि वे कैसा महसूस कर रहे हैं. उन्हें रोने, सवाल पूछने या डर जताने की आज़ादी दें. इससे उनका मन हल्का होगा.

4. रोज़मर्रा की रूटीन बनाए रखें
खाना, सोना, पढ़ाई और खेल का नियमित समय तय रखें. रूटीन उन्हें सुरक्षा और स्थिरता का एहसास दिलाता है.

5. रचनात्मक गतिविधियों में लगाएं
ड्राइंग, कहानी लिखना, म्यूज़िक या कोई भी क्रिएटिव काम उन्हें मानसिक रूप से व्यस्त और शांत रख सकता है.

6. ध्यान और सांस लेने की तकनीक सिखाएं
छोटे बच्चों को भी आसान ब्रेथिंग एक्सरसाइज़ सिखाई जा सकती हैं, जैसे कि गिनकर सांस लेना (4 तक गिनकर सांस लें, 4 तक रोकें, फिर 4 तक छोड़ें).

7. प्यार और साथ का अहसास दिलाएं
गले लगाना, साथ बैठना, कहानियां सुनाना. ये सब उन्हें भरोसा देता है कि वे अकेले नहीं हैं, और उनका डर भी कम होता है.

8. खुद भी शांत रहें
बच्चे आपके हावभाव, बातों और व्यवहार को ध्यान से देखते हैं. अगर आप चिंतित या घबराए हुए हैं, तो वे भी वैसा ही महसूस करेंगे. तो आप खुद को शांत रखने की भी कोशिश करें.

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