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पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने पौत्री को दिया 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ा नाम, सुनते ही दौड़े चले आए दिग्विजय सिंह

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ऑपरेशन सिंदूर से प्रेरित होकर एक और प्रेरणादायक नामकरण हुआ है. कांग्रेस के दिग्गज नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने अपनी पोती का ऐसा नाम रखा है कि हर कोई गर्व से भर उठा है. पोती का नाम सुनते ही पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी के साथ पीसी शर्मा के घर पहुंचे और पूरे परिवार को बधाई दी. यह घटना राजधानी भोपाल में एक नया ट्रेंड स्थापित कर रही है, जहां कई परिवार देश सेवा के इस महत्वपूर्ण ऑपरेशन से प्रेरित होकर अपने बच्चों का नाम रख रहे हैं.

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भोपाल: कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री पीसी शर्मा ने अपनी नवजात पौत्री का नाम ऐसा रखा है कि उसे सुनकर पूर्व मुख्‍यमंत्री और राज्‍यसभा सांसद दिग्विजय सिंह खुद को रोक नहीं पाए और वे तुरंत पौत्री को देखने पहुंच गए. उन्‍होंने दादा पीसी शर्मा, पिता शिवी और मां रुपाली को बधाई दी और कहा कि आपने ऐसा नाम रखा है कि मैं गर्व महसूस कर रहा हूं. हर परिवार में बच्‍चों का नाम ऐसा हो कि उससे देश प्रेम और देश भक्ति जागे.  पूर्व मंत्री और भोपाल के जमीनी नेता पीसी शर्मा ने बताया कि परिवार में बहुत खुशी है और हम सब ईश्‍वर और अपने शुभचिंतकों का आभार मान रहे हैं कि हमें नन्‍हीं परी ईश्‍वर से सौंपी है, और हमने उसका नाम व्‍योमिका रखा है. यह नाम देश की बहादुर बेटी, भारतीय वायुसेना की जांबाज अधिकारी विंग कमांडर व्‍योमिका सिंह के नाम पर रखा गया है.

पूर्व मंत्री ने पौत्री को दिया 'ऑपरेशन सिंदूर' से जुड़ा नाम, दौड़े आए दिग्विजय
दिग्विजय सिंह, कांग्रेस नेता पीसी शर्मा के घर पहुंचे.

इस मौके पर रूपाली शर्मा का कहना है कि पहले कहा जाता था बेटियां घर में रहें और घर को ही ठीक से चला लें तो अच्छा है लेकिन आज बेटियां देश चला रही हैं और देश की रक्षा भी कर रही हैं. शिवी शर्मा ने कहा कि परिवार के साथ मेरी इच्‍छा थी कि हमारे आंगन में बिटिया ही आए और जब ईश्‍वर ने हमारी सुन ली तो हमने यह नाम रखा है. अपनी राजनीतिक सक्रियता के साथ-साथ पीसी शर्मा सामाजिक कार्यों में भी बढ़-चढ़कर हिस्सा लेते हैं. वे जनता से सीधे जुड़ने और उनकी समस्याओं का समाधान करने में विश्वास रखते हैं. उनकी पहचान एक ऐसे नेता के रूप में है जो आम आदमी की आवाज उठाता है. अपनी पौत्री का नाम विंग कमांडर व्योमिका सिंह के नाम पर रखकर उन्होंने न केवल अपनी देशभक्ति का परिचय दिया है, बल्कि देश की युवा पीढ़ी को भी प्रेरणा दी है कि वे सेना में शामिल होकर राष्ट्र सेवा करें.

दिग्विजय सिंह बधाई देने पहुंचे 
बेटी व्योमिका के बारे में जनाकारी मिलते ही मध्य प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह अपनी पत्नी अमृता सिंह के साथ परिवार को बधाई देने पीसी शर्मा के घर पहुंच गए. दरअसल, विंग कमांडर व्योमिका सिंह का नाम ‘ऑपरेशन सिंदूर’ के बाद सुर्खियों में आया था. यह ऑपरेशन देश की सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण अभियान था, जिसमें व्योमिका सिंह ने अपनी कुशल पायलट क्षमता और नेतृत्व का परिचय दिया. वे एक अनुभवी हेलीकॉप्टर पायलट हैं, जिन्होंने चेतक और चीता जैसे हेलीकॉप्टरों में 2,500 घंटे से अधिक का उड़ान अनुभव हासिल किया है.

मां रुपाली और पिता शिवी शर्मा को बधाइयां मिल रही हैं.

कौन है व्‍योमिका और क्‍या है इस शब्‍द का अर्थ
लखनऊ में जन्मीं व्योमिका सिंह ने बचपन से ही भारतीय वायुसेना में जाने का सपना देखा था. उनके नाम ‘व्योमिका’ का अर्थ है ‘आकाश में रहने वाली’ या ‘आकाश की पुत्री’, जो उनके पायलट बनने के करियर से पूरी तरह मेल खाता है. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद नेशनल कैडेट कोर (NCC) में शामिल होकर अपने लक्ष्य की ओर पहला कदम बढ़ाया. इंजीनियरिंग की पढ़ाई पूरी करने के बाद, उन्होंने भारतीय वायुसेना में हेलीकॉप्टर पायलट के रूप में सेवा शुरू की. दिसंबर 2019 में उन्हें स्थायी कमीशन मिला.

देश के घर-घर में बनी पहचान, गर्व से भर गए भारतीय 
‘ऑपरेशन सिंदूर’ में उनकी भूमिका इतनी महत्वपूर्ण थी कि उन्होंने नई दिल्ली में राष्ट्रीय मीडिया सेंटर में इस अभियान पर एक महत्वपूर्ण ब्रीफिंग भी दी थी. इस ब्रीफिंग में उन्होंने विस्तार से बताया था कि कैसे भारतीय वायुसेना ने इस ऑपरेशन को सफलतापूर्वक अंजाम दिया. यह पहली बार था जब भारतीय सेना की ओर से दो महिला अधिकारियों ने संयुक्त प्रेस ब्रीफिंग की थी, जिससे व्योमिका सिंह और उनकी साथी अधिकारी सोफिया कुरैशी ने देश की बेटियों के लिए एक नया कीर्तिमान स्थापित किया. उनका यह योगदान न केवल वायुसेना में महिलाओं की बढ़ती भूमिका का प्रतीक है, बल्कि देश के प्रति उनकी निस्वार्थ सेवा का भी उदाहरण है.

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