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MP News: अपनी बदहाली पर आंसू बहा रहा है मंडला का जल संस्थान विभाग,एक इंजीनयर के मत्थे 27 बांध की कमान

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मध्यप्रदेश की सबसे पुरानी तहसील में मौजूद जल संसाधन विभाग अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है.यहां पर पदस्थ एक सब इंजीनियर के जिम्मे तीन ब्लाकों के 27 बांध और उसमें आने वाली 125 से 150 किमी की नहर की देखभाल किसी तप से कम तो नहीं मानी जाएगी. 

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रिपोर्ट: आलेख तिवारी
मंडला: मध्यप्रदेश की सबसे पुरानी तहसील में मौजूद जल संसाधन विभाग अपनी दुर्दशा पर आंसू बहा रहा है.यहां पर पदस्थ एक सब इंजीनियर के जिम्मे तीन ब्लाकों के 27 बांध और उसमें आने वाली 125 से 150 किमी की नहर की देखभाल किसी तप से कम तो नहीं मानी जाएगी. दरअसल यहां पर पदस्थ अधिकारी एक-एक कर के अपना स्थानांतरण करा कर जाते गए लेकिन बदले में कोई नहीं आया.रही सही कसर यंहा के एक सब डिवीजन को भी स्थानांतरित कर दिया गया.कभी पचास से ज्यादा लोगों से भरा यह विभाग आज खण्डर में तब्दील हो गया है.कभी एक कार्यपालनमंत्री, दो एसडीओ और 26 इंजीनियरों की टीम इन तीन ब्लाकों को संभाला करती थी.लेकिन अब स्थिति यहां तक पहुंच चुकी है कि यहां जरूरत से आधे चौकीदार भी नहीं बचे हैं.जबकि तुरंत में यहां तीस चौकीदारों की आवश्यकता है.

कृषकों को नुक़सान
स्टाप की कमी से ज़हां रखरखाव और निगरानी में कमी से बांधों पर हमेशा खतरा मंडराता रहता है. तो वहीं दूसरी तरफ नहरों में आए दिन रिसाव से किसानों के खेतों की फसल बर्बाद भी हो रही हैं.कुछ दिन पहले ही क्षेत्र के सबसे बड़े मझगांव बांध की नहर में रिसाव आया था जिससे दर्जनों लोगों की फसल चौपट हो गई थी.नौबत यहां तक पहुंच गई है कि किसान सरकार की हेल्पलाइन नम्बर पर लगातार शिकायत दर्ज करा रहे हैं.पूरे मामले को जोरशोर से उठाने वाले और लगातार पत्राचार करने वाले आंनद पाठक का कहना है कि तीन ब्लाकों के बांध और नहरों को संभालने के लिए कम से कम सात उपमंत्रियों और बीस से ज्यादा अन्य लोगों की जरूरत होगी. ऐसे में एक व्यक्ति के जिम्मे तीन ब्लाक हो जाने से यहां के कार्य प्रभावित तो हो ही रहे हैं साथ ही किसानों को भी आय दिन फसल का नुकसान उठाना पड़ रहा है.

तो वहीं कार्यपालन यंत्री मंडला डी के कुसराम ने बताया कि यह सही है कि जिन उपयंत्रीयो का स्थानांतरण हुआ उनके स्थान पर कोई नहीं आया है.कारण बताना मुश्किल है पर मेरे हिसाब से प्रदेश में ही कमी है.निवास में हमारे पास एक ही उपयंत्री है और तीन ब्लाकों में मौजूद बांधों को संभाल रहा है.दिक्कत तो बहुत हो रही है जिसको लेकर हम लोग प्रयास कर रहे हैं.

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