Review : गहलोत कैबिनेट की पहली बैठक, पुरानी सरकार के बदलेंगे चार बड़े 'फैसले'
सत्ता में आई नई कांग्रेस सरकार ने पुरानी सरकार के चार बड़े फैसले बदलने का निर्णय लिया है. शनिवार को गहलोत कैबिनेट की हुई पहली बैठक में इस फैसले पर मुहर लगाई गई.
सत्ता में आई नई कांग्रेस सरकार ने पुरानी सरकार के चार बड़े फैसले बदलने का निर्णय लिया है. शनिवार को गहलोत कैबिनेट की हुई पहली बैठक में इस निर्णय पर मुहर लगाई गई. इसके साथ ही राज्य सरकार पूर्ववर्ती बीजेपी सरकार के गत छह माह के कामकाज की समीक्षा भी करेगी. गहलोत कैबिनेट की पहली बैठक और उसके फैसले आज सभी समाचार-पत्रों में छाए हुए हैं.

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दैनिक भास्कर ने सीएम अशोक गहलोत की कैबिनेट के फैसलों का विस्तृत कवरेज करते हुए आगामी पांच साल के लिए रहने वाले सरकार के रुख से पाठकों को अवगत कराया है. कैबिनेट ने कांग्रेस के जन घोषणा-पत्र का अनुमोदन कर उसे नीतिगत दस्तावेज का दर्जा दे दिया है. कैबिनेट के इस फैसले सभी अखबारों ने प्रमुखता से लिया है. मेयर, सभापति, निकाय अध्यक्ष अब सीधे चुने जाएंगे और पंचायत प्रतिनिधियों के लिए शैक्षणिक योग्यता की बाध्यता को समाप्त करना भी हैड लाइन में शामिल है.
राजस्थान पत्रिका ने भी 'जनता फिर सीधे चुनेगी मेयर-सभापति, पंचायत चुनाव के लिए पढ़ाई जरूरी नहीं' शीर्षक से प्रकाशित समाचार में कैबिनेट के फैसलों पर फोकस डाला है. वहीं समाचार-पत्र ने प्रदेश में पड़ रही कड़ाके की सर्दी के समाचार को भी पर्याप्त महत्व देते हुए प्रदेश की स्थिति को बयां किया है. पत्रिका ने स्कूल पाठ्यक्रम में किए जा रहे बदलाव पर भी फोकस करते हुए बताया है कि अब किताबों में झांसी की रानी आएगी या दीनदयाल जाएंगे यह शिक्षाविद् बताएंगे.
अंग्रेजी अखबार THE TIMES OF INDIA ने भी गहलोत कैबिनेट के उस फैसले का हाईलाइट किया है, जिसमें पंचायत चुनाव की बाध्यता को समाप्त किया गया है. अखबार ने शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह डोटासरा के उस बयान को भी तरजीह दी है, जिसमें उन्होंने कहा है कि सरकार प्राइवेट स्कूलों में फीस के लिए सरकार नया सिस्टम लाएगी.