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आखिर इन चूजों में ऐसा क्या है? सरकार ने दे दी Z-प्लस सिक्योरिटी, जैसलमेर से 700 KM दूर किया गया शिफ्ट

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जैसलमेर में गंभीर रूप से लुप्तप्राय गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जैसलमेर के सम में ड्रोन की खबरों के बाद जैसलमेर गोडावण ब्रिडिंग सेंटर से नौ चूजों को अजमेर शिफ्ट किया गया है. 

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जोधपुर:- भारत-पाकिस्तान सीमा पर तनाव के कारण बॉर्डर पर कई गांवों के खाली करवाए जाने की सूचनाएं आने के बाद ग्रामीणों की दिनचर्या भी बदल गई. लेकिन अब इसका असर पक्षियों पर भी सामने आया है. जैसलमेर में गंभीर रूप से लुप्तप्राय गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) की सुरक्षा बढ़ा दी गई है. जैसलमेर के सम में ड्रोन की खबरों के बाद जैसलमेर गोडावण ब्रिडिंग सेंटर से नौ चूजों को अजमेर शिफ्ट किया गया है.

जैसलमेर के इन चूजों को मिली Z-प्लस सुरक्षा, 700 KM का खुफिया सफर
जैसलमेर के गोडावण चूजों

यहां किया गया सुरक्षित
केंद्र व राज्य सरकार के निर्देश पर सेना व प्रशासन के सहयोग से वन विभाग ने वैज्ञानिको की मौजूदगी में जैसलमेर से करीब 700 किलोमीटर दूर अजमेर सेंटर में इन चूजों को शिफ्ट किया है. करोड़ों रूपए की लागत से चल रहे गोडावण प्रोजेक्ट के तहत वैज्ञानिक विधि व कृत्रिम रूप से जन्मे चूजों को सरकार ने ब्रिडिंग सेंटर से सुरक्षित स्थान पर ले जाने के निर्देश दिए हैं.

प्रधान मुख्य वन संरक्षक राजस्थान (पीसीसीएफ) अरिजीत बनर्जी के निर्देश पर पहले चरण में 9 चूजे शिफ्ट करने के बाद भारत-पाक युद्ध रूक जाने की वजह से दूसरे चरण की शिफ्टिंग प्रक्रिया को लेकर मुख्य वन संरक्षक (सीसीएफ) आरके जैन ने पत्र लिख सरकार से दिशा-निर्देश मांगे हैं.

जन्मे चूजों पर वैज्ञानिकों की विशेष नजर
भारत-पाक युद्ध का असर राज्य पक्षी गोडावण के सम स्थित ब्रिडिंग सेंटर पर पड़ने लगा. दो दिन पहले गोडावण सेंटर के निकट पैराशूट बम व मिसाइल आकर गिरने से वन विभाग की नींद उड़ गई. गोडावण (ग्रेट इंडियन बस्टर्ड) को बचाने के लिए राजस्थान का वन विभाग व वाइल्डलाइफ इंस्टीटयूट ऑफ इंडिया (डब्ल्यूआईआई) के वैज्ञानिकों की टीम चौबीस घंटे कृत्रिम रूप से जन्मे चूजों पर नजर रखे हुए है.

जैसलमेर, जोधपुर व पाली डीएफओ ने किया एस्कॉर्ट
सीसीएफ जोधपुर आरके जैन का कहना है कि सेना, जिला प्रशासन की मौजूदगी में सम गोडावण ब्रिडिंग सेंटर से जैसलमेर डीएफओं की टीम ने 9 चूजों वाली स्पेशल एंबुलेंस को एस्कॉर्ट कर फलौदी तक पहुंचाया. फलौदी से जोधपुर डीएफओ मोहित गुप्ता व टीम ने एंबुलेंस को पाली तक एस्कॉर्ट किया.

पाली डीएफओ व टीम ने वहां से एस्कॉर्ट कर 9 चूजों को वैज्ञानिकों की उपस्थिति में 700 किलोमीटर का सफर तय कर सुरक्षित अजमेर के मेंस लेसर फ्लोरिकन सेंटर अरवड में पहुंचाया गया है. सभी चूजे सुरक्षित हैं. पहले चरण में 9 चूजे अजमेर सेंटर में पहुंचने के बाद दूसरे चरण के लिए सरकार से दिशा-निर्देश मांगे गए हैं. चूंकि भारत-पाक युद्ध पर फिलहाल विराम लगने से अन्य चूजों के शिफ्टिंग की प्रक्रिया को रोका गया है.

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