'नहाने तो गया लेकिन वापस नहीं लौटा'.. कहीं आप भी तो तालाब में डूबकी लगाते वक्त नहीं कर रहे गलती! जानें घटना
पाली में तालाब में नहाते समय पशुपालक बाबूलाल की डूबने से मौत हो गई. एसडीआरएफ टीम ने घंटों रेस्क्यू ऑपरेशन चलाकर शव निकाला. पुलिस ने आमजन से तालाब में न नहाने की अपील की है.

पाली:- अगर आप भी तालाब में नहाते हैं, तो संभल जाए, क्योंकि आपकी एक गलती आपकी जीवन लीला को समाप्त कर सकती है. ऐसा ही पाली शहर में देखने को मिला, जहां पर एक पशुपालक जब तालाब में नहाने के लिए उतरा, तो अचानक पैर फिसल जाने से तालाब में गिरकर डूब जाने से उसकी मौत हो गई. घटना के बाद मौके पर पहुंची एसडीआरएफ की टीम ने घंटो तक रेस्क्यू ऑपरेशन चलाया और बड़ी मशक्कत के बाद जाकर पशुपालक के शव को बाहर निकाला जा सका.
शव को बाहर निकालने के बाद उसको पाली के बांगड अस्पताल की मोर्चरी में रखवाया गया. ऐसे में पुलिस और एसडीआरएफ की टीम भी आमजन से यही अपील करती है कि इस तरह तालाब में नहाकर अपनी जान को जोखिम में ना डालें.
इस तरह पुलिस को मिला सुराग
सदर थाने के थानाधिकारी सहदेव चौधरी ने बताया कि थाना क्षेत्र के मंडिया गांव से शुक्रवार रात करीब 9 बजे सूचना मिली कि मंडिया गांव निवासी 35 साल का पशुपालक बाबूलाल पुत्र डायाराम हमेशा की तरह शुक्रवार सुबह पशु चराने के लिए घर से निकला, लेकिन देर शाम तक घर नहीं पहुंचा. परिजनों और ग्रामीणों ने तलाश की तो गांव के तालाब के पास उसके चप्पल आदि मिले. जिसके बाद पुलिस को शक हुआ और उसके बाद तालाब में पड़ताल शुरू कर दी.
दो दिन बाद शव निकाला जा सका बाहर
इस पर मौके पर पहुंचे ग्रामीणों और SDRF टीम की मदद से उसकी तलाश शुरू की. लेकिन अंधेरा होने के कारण तालाब से उसका शव नहीं निकाला जा सका. ऐसे में रेस्क्यू रोकना पड़ा. शनिवार सुबह युवक की बॉडी पानी पर तैरते हुए मिली. मौके पर पहुंची टीम ने बॉडी को निकाला और बांगड़ हॉस्पिटल के मॉर्च्युरी लाए. पोस्टमॉर्टम की कार्रवाई के बाद पुलिस शव परिजनों को सौंपेगी.