Tokyo Olympics: अदिति अशोक गोल्ड मेडल के करीब, इतिहास रचने को तैयार मां-बेटी की जोड़ी
Tokyo Olympics: भारतीय युवा गोल्फर अदिति अशोक (Aditi Ashok) ने शुक्रवार को 3 अंडर 68 का कार्ड खेला और दूसरे स्थान पर बरकरार हैं. इस ओलंपिक में उनकी मां उनका बैग उठाकर परछाई की तरह उनके साथ है.
नई दिल्ली. अदिति अशोक (Aditi Ashok) ने गोल्फ में भारत की गोल्ड की उम्मीदों को जगा दिया है. अदिति ने लगातार तीसरे दिन शानदार प्रदर्शन करके इतिहास रखने की तरफ अपने कदम बढ़ा दिए हैं. भारतीय गोल्फर अदिति ने शुक्रवार को 3 अंडर 68 का कार्ड खेला. वह दूसरे स्थान पर बरकरार हैं. शनिवार को आखिरी और चौथा राउंड खेला जाना है, मगर मौसम विभाग के अनुसार शनिवार को तूफान की संभावना है. ऐसा होने पर तीसरे राउंड तक के स्कोर को ही गिना जाएगा और अदिति का मेडल पक्का हो सकता है.
अदिति इतिहास रचने के काफी करीब पहुंच गई है. दिलचस्प बात यह है कि इस दौरान उनकी मां भी उनकी परछाई बनकर चल रही है. दरअसल अदिति की कैडी उनकी मां माहेश्वरी अशोक ही है. 5 साल की उम्र से गोल्फ खेलने वाली अदिति ने 2016 रियो ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था और उस समय कैडी उनके पिता थे, मगर इस बार उनकी मां उनका बैग उठा रही हैं. अदिति का मानना है कि पापा की तुलना में वह अपनी मां के साथ थोड़ा कम दबाव महसूस करती हैं.

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9 साल की उम्र में जीता पहला टूर्नामेंट
5 साल की उम्र में अदिति के पिता ने उनके गोल्फ के सपने को पूरा करने की ठान ली थी. 9 साल की उम्र में इस युवा गोल्फर ने अपना पहला टूर्नामेंट जीता और 12 साल की उम्र में तो नेशनल टीम का हिस्सा बन गईं. वह लेडिज यूरोपियन टूर टाइटल जीतने वाली पहली भारतीय हैं. 2016 में रियो ओलंपिक में उतरते ही अदिति ने सबसे कम उम्र की गोल्फर होने का गौरव हासिल किया था और अब 23 साल की यह गोल्फर एक और इतिहास रचने के करीब हैं.


