काम में लापरवाही के चक्कर में इन तीन सरकारी कर्मचारियों की गई नौकरी, जानिए क्यों गिरी गाज और क्या है असल वजह
उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा प्राधिकरण से बड़ा एक्शन लिया है. काम में लापरवाही बरतने पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम ने उद्योग विभाग के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है.

गौतम बुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश के गौतम बुद्ध नगर जिले में नोएडा प्राधिकरण ने बड़ा एक्शन लिया है. काम में लापरवाही बरतने पर प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी लोकेश एम ने उद्यान विभाग के दो कर्मचारियों को निलंबित कर दिया है. वहीं लेखपाल को निलंबित करने के लिए ऊपर राजस्व परिषद को पत्र लिखा गया.
अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी के कार्यकाल में करते थे लापरवाही
प्राधिकरण ने बताया कि अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी वंदना त्रिपाठी के कार्यकाल में तैनात प्रमोद कुमार उद्यान कर्मी व कुलदीप कुमार अनुरक्षक अपने कार्य में दिन प्रतिदिन लापरवाही कर रहे थे. बिना किसी पूर्व सूचना के कार्यालय में अनुपस्थित रहते थे. प्राधिकरण के कार्यों में रुचि नहीं लेने और उच्च अधिकारियों के आदेशों की अवहेलना करने पर यह कार्यवाही की गई है.
दो बार दी गई वार्निंग फिर किया गया निलंबित
प्राधिकरण की जिम्मेदार अधिकारियों ने बताया कि दोनों को कई बार मौखिक रूप से वार्निंग दी जा चुकी थी, लेकिन उनके कार्य प्रणाली में कोई सुधार नहीं देखने को मिला. इस वजह से शासकीय कार्यों में बाधा उत्पन्न हो रही थी. ऐसे में प्रमोद कुमार उद्यान कमी और कुलदीप कुमार अनुरक्षण को निलंबित कर प्राधिकरण के कार्मिक विभाग से अटैच किया गया है.
लेखपाल भी होगा निलंबित
1 अगस्त 2024 को प्राधिकरण के मुख्य कार्यपालक अधिकारी और जिला अधिकारी समेत अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने नोएडा के गांव हाजीपुर सालारपुर खादर आदि का निरीक्षण किया. यहां अतिक्रमण हटाने और सेल करने के निर्देश दिए गए थे. इसके बाद हाल ही में दोबारा से इन्हीं गांव का निरीक्षण किया गया.
यहां पाया गया कि यहां ना तो सीलिंग और ना ही दोस्तीकरण की कार्यवाही की गई. जिससे बड़े पैमाने पर अवैध निर्माण हुआ. इसमें लेखपाल विनय कुमार चौहान की शासकीय दायित्यों के प्रति गंभीर लापरवाही सामने आई.
निलंबन के लिए लिखा गया पत्र
प्राधिकरण के लेखपाल विनय कुमार चौहान को निलंबित किए जाने के लिए मूल विभाग राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश शासन को पत्र लिखा गया है. पत्र को स्वीकार करने के बाद लेखपाल को भी निलंबित कर दिया जाएगा.
