क्या 50 साल बाद पश्चिम यूपी होगा जाम मुक्त, जानें इस खास प्लान के बारे में, जल्द जारी होगी आरएफपी
Gautam Budh Nagar News: गौतम बुद्ध नगर में नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क जैसी परियोजनाएं चल रही हैं. रीजनल कंप्रेसिव मोटिवेशनल प्लान से पश्चिमी यूपी की इकोनामिक ग्रोथ को बढ़ावा मिलेगा.

गौतम बुद्ध नगर: उत्तर प्रदेश के पश्चिम में गौतम बुद्ध नगर का सेंटर पॉइंट है. यहां पर नोएडा इंटरनेशनल एयरपोर्ट, फिल्म सिटी, मेडिकल डिवाइस पार्क, न्यू नोएडा और न्यू आगरा जैसी बड़ी परियोजनाएं चल रही हैं.
पश्चिमी यूपी की ग्रोथ कब
पश्चिमी यूपी की आर्थिक वृद्धि के लिए यह बहुत महत्वपूर्ण है. परियोजना तभी सफल होगी जब इसे बेहतर और जाम मुक्त सड़कों की कनेक्टिविटी मिलेगी. इसी के लिए नोएडा प्राधिकरण ने रीजनल कंप्रेसिव मोटिवेशनल प्लान की योजना बनाई थी.
प्लान को लाने के लिए इन अधिकारियों के साथ बैठक
नोएडा, ग्रेटर नोएडा और यमुना विकास प्राधिकरण के अधिकारी सीएमपी प्लान को लाने के लिए लगातार बैठकें कर रहे हैं. इस प्लान को लागू करने के लिए नोएडा के एक होटल में भी चर्चा हो चुकी है.
प्राधिकरण के अपर मुख्य कार्यपालक अधिकारी सतीश पाल ने बताया कि यह प्लान सिर्फ एक जिले के लिए नहीं, बल्कि पूरे पश्चिमी यूपी, दिल्ली और एनसीआर के अन्य शहरों के लिए है. हर शहर का अपना मोबिलिटी प्लान होता है जिसमें अन्य शहरों से कनेक्टिविटी और इंटरनल रोड इंफ्रास्ट्रक्चर शामिल होता है.
नेशनल ओर रीजनल ट्रांसपोर्ट होंगे शामिल
यहां हम पूरे जोन की बात कर रहे हैं. इस जोन में ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, अर्बन ट्रांसपोर्ट, रीजनल ट्रांसपोर्ट, नेशनल और स्टेट नियमों को जोड़कर एक नया प्लान बनाया जा सकता है. इसके लिए एक ऐसी कंपनी चाहिए जो इन कामों का अनुभव रखती हो. इसलिए हाल ही में सभी अथॉरिटी के साथ एक बैठक की गई थी, जिसमें कई सुझाव दिए गए. इन सुझावों को आरएफपी में शामिल किया जाएगा और संभवतः आगामी बोर्ड बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा. वहां से अप्रूवल मिलने के बाद इसे जारी किया जाएगा.
यहां मिलेगा इकोनामिक ग्रोथ को बढ़ावा
इस रीजनल प्लान का एक और उद्देश्य पश्चिमी यूपी की इकोनामिक ग्रोथ को बढ़ावा देना है. चयनित सलाहकार कंपनी एक प्लान बनाएगी, जिसे सभी जिले और प्राधिकरण अपने-अपने क्षेत्र में लागू करेंगे. इसमें सड़कों की चौड़ाई बढ़ाने, नए फ्लाईओवर बनाने और ट्रांसपोर्टेशन को ध्यान में रखा जाएगा. मास्टर प्लान 2031 तक शहर में जो भी मोबिलिटी प्लान होगा, उसे लागू कर दिया जाएगा. इसे कैसे लागू किया जाएगा, इसके लिए सलाहकार कंपनी ही योजना बनाएगी.
क्या है आने वाले 50 साल का प्लान
दरअसल, यह एक थिंक टैंक होगा, जिसमें चार जगह के अधिकारी और सलाहकार कंपनी इस बात पर अध्ययन करेंगे कि आगामी 50 साल तक दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी और इस क्षेत्र को जाम मुक्त कैसे बनाया जाए.
जो भी सुझाव आएंगे, उन्हें कंपनी अपने प्लान में शामिल करेगी और संबंधित प्राधिकरण इसे लागू करेगा. जानकारी के अनुसार, हाल ही में इस प्लान को लेकर नोएडा के एक बड़े होटल में एक बड़ी बैठक हो चुकी है.
क्या है आने वाले 50 साल का प्लान
दरअसल, यह एक थिंक टैंक होगा, जिसमें चार जगह के अधिकारी और सलाहकार कंपनी इस बात पर अध्ययन करेंगे कि आगामी 50 साल तक दिल्ली से बेहतर कनेक्टिविटी और इस क्षेत्र को जाम मुक्त कैसे बनाया जाए।
जो भी सुझाव आएंगे, उन्हें कंपनी अपने प्लान में शामिल करेगी और संबंधित प्राधिकरण इसे लागू करेगा। जानकारी के अनुसार, हाल ही में इस प्लान को लेकर नोएडा के एक बड़े होटल में एक बड़ी बैठक हो चुकी है।
इन पॉइंट पर बनाया जाएगा रीजनल प्लान
1. सलाहकार कंपनी तीनों शहरों के लोकल अथॉरिटी के प्लानिंग सेल से बात करेगी. और विकसित करके शहरी और ग्रामीण इलाकों की एक ब्रीफ तैयार करेगी. जिसमें लोकेशन लैंड एरिया, रोड नेटवर्क, रीजनल, इकोनामिक स्ट्रक्चर, उपलब्ध को शामिल किया जाएगा.
2. सभी प्रकार की डाटा एनालिसिस रिपोर्ट को एकत्रित करना और जिसमें यहां सामाजिक परिवेश, रजिस्टर्ड वाहनों की संख्या, और ट्रांसपोर्ट नेटवर्क, अर्बन ट्रांसपोर्ट नियम, रीजनल ट्रांसपोर्ट,पॉलिसी नेशनल और स्टेट रूल सड़क हादसे लैंड उसे मैप शामिल है.
3. इसके बाद एक प्राथमिक सर्वे प्लान तैयार किया जाएगा.
4. इसके बाद हितधारक पब्लिक और अन्य लोगों से इस सर्वे प्लान पर बातचीत की जाएगी.
5. डिटेल सर्वे की जिसमें यहां निर्मित इमारत की संख्या, ट्रैफिक, रोड पर स्पीड, पार्किंग, ग्राउंड रिपोर्ट की जाएगी. यह टाइम कास्ट कंफर्ट सेफ्टी और सिक्योरिटी के लिहाज से भी तैयार किया जाएगा.
6. यहां एक महत्वपूर्ण पॉइंट प्रदूषण से संबंधित होगा. इसके लिए डीजल पेट्रोल एलपीजी और इलेक्ट्रॉनिक का डाटा लेकर यह चेक किया जाएगा. इसका कितना असर प्लान के अनुसार काम होगा या बढ़ेगा.
7. नोएडा इंटरनेशनल और यमुना क्षेत्र में ई बस चलाने का भी प्रावधान है. इसे मोबिलिटी प्लान में भी शामिल किया जाएगा. इसके लिए अलग से इंफ्रास्ट्रक्चर की आवश्यकता होगी. जिसमें एडमिन ब्लॉक, चार्जिंग स्टेशन, डिपो वर्कशॉप आदि बनाए जाएंगे.
8. रोड नेटवर्क इंटरकनेक्ट पार्किंग, उपलब्धता, और उसके प्रकार पब्लिक ट्रांसपोर्ट सिस्टम, पारा ट्रांजिस्टर सिस्टम, सड़कों पर ट्रैफिक का भार, ट्रैफिक सेफ्टी, को शामिल करते हुए फाइनल ड्राफ्ट तैयार किया जाएगा.
9. यह फाइनल ड्राफ्ट कंपनी गठित की गई समिति के सामने रखेगी. बोर्ड से अप्रूव होने पर इस पर काम शुरू कर दिया जाएगा.
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