यूपी के संभल में मौजूद इस बावड़ी में है एक अनोखा कुआं, क्या सच में पृथ्वीराज चौहान से है इसका संबंध
यूपी का संभल जनपद अपने आप में कई इतिहास समेटे है. उन्ही में से एक संभल जनपद में स्थित कुआं है. जिसे चोरों का कुआं एवं सुल्ताना डाकू का कुआ के नाम से भी जाना जाता है. क्या इस कुआं का संबंध सच में पृथ्वीराज चौहान से है, चलिए जानते हैं.

मुरादाबाद:- यूपी का संभल जनपद अपने आप में कई इतिहास समेटे है. उन्ही में से एक संभल जनपद में स्थित कुआं है. जिसे चोरों का कुआं एवं सुल्ताना डाकू का कुआं के नाम से भी जाना जाता है. बताया जाता है कि सुल्ताना डाकू यहीं से अपनी योजना बनाता था. इस कुआं का इतिहास पृथ्वीराज चौहान के समय से जुड़ा हुआ बताया जाता है.
पृथ्वीराज चौहान ने बनाया था यह कुआ
संभल शहर से सटे गांव कमलपुर सराय के जंगल में पृथ्वीराज चौहान द्वारा बनाया गया एक कुआं बावड़ी मिली है. इसे लेकर दावा किया जा है कि पृथ्वीराज चौहान ने अपने समय में पांच मंजिला बावड़ी का निर्माण कराया था. यहां पर उनकी सेना ठहरती थी. इस बावड़ी में छोटे-छोटे कमरे बने हुए हैं. गोल आकार में बनी इस बावड़ी के बीच में पानी की व्यवस्था कराई गई थी.
100 साल निवासी बुजर्ग ने दी जानकारी
स्थानीय निवासी देवल सिंह ने बताया कि मेरी करीब 100 साल की उम्र है. इस कुआं को चोरों का कुआं, बावड़ी कुआं और सुल्ताना डाकू का कुआं कई नाम से जाना जाता है. उन्होंने कहा कि हम इस कुआं का पानी भी पिया करते थे. वैसे तो यह बावड़ी कई मंजिल है. लेकिन इसके नीचे जो कुआं था. उसमें पानी भरा रहता था लेकिन अब उसमें पानी भरा हुआ नहीं रहता है. वहां मिट्टी डालकर और कूड़ा डालकर उसका अस्तित्व खत्म कर दिया है.
सुल्ताना डाकू यहीं से बनाता था योजना
जानकारों की मानें तो सुल्ताना डाकू भी इसी कुआं में छुपकर अपनी पूरी योजना बनाता था. यही वजह है कि इस कुआं को चोरों का कुआं और सुल्ताना डाकू का कुआं भी कहा जाता है. दूर-दूर से लोग इस कुआं को देखने के लिए आते हैं. यह कुआं कमालपुर सराय गांव के जंगलों में स्थित है.