इस घरेलू घोल से करें लौकी के पौधों में कीट नियंत्रण, जड़ से होगा सफाया, बंपर उपज की गारंटी
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lauki ki kheti ka tarika : गर्मियों में किसान हरी सब्जियां ज्यादा उगाते हैं. इस वक्त लौकी की काफी डिमांड रहती है. इसकी बंपर पैदावार आसान है लेकिन उसे कीड़ों से बचाना मुश्किल है. ये तरीका आपके काम आएगा.
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लौकी की खेती में कीट नियंत्रण एक प्रमुख चुनौती है. किसानों और घरेलू बागवानी करने वालों को इस समस्या का सामना करना पड़ता है. लौकी के पौधों को कई प्रकार के कीट प्रभावित करते हैं. प्रमुख कीटों में रेड पंपकिन बीटल, फल मक्खी, रस-चूसक कीट और लीफ माइनर शामिल हैं. ये कीट पौधे के विभिन्न हिस्सों को नुकसान पहुंचाते हैं. पत्तियां, फल और तने इनके प्रमुख लक्ष्य होते हैं. इनके प्रकोप से न केवल लौकी की उपज प्रभावित होती है, बल्कि उसकी गुणवत्ता भी कम हो जाती है. इस समस्या के समाधान के लिए एक विशेष घोल का प्रयोग किया जा सकता है. इस घोल के नियमित छिड़काव से पौधे स्वस्थ रहते हैं. इससे कीटों का प्रकोप कम होता है और फसल की उपज में वृद्धि होती है.
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जिला कृषि अधिकारी राजितराम Local 18 से कहते हैं कि बाराबंकी में किसान लौकी की खेती बड़े पैमाने पर करते हैं. इसकी खेती से अच्छी आमदनी भी होती है. अक्सर इसके फल और पौधे मे कीड़े लग जाते हैं, जिससे किसानों को काफी नुकसान होता है.
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लौकी की बेल पर अनेक तरीके के कीट और रोगों का प्रकोप होता है, जिससे पत्तियां पीली हो सकती हैं. कीट पौधों के पत्ते से रस चूसते हैं, जिस कारण पत्तियां पीली और कमजोर हो जाती हैं. पौधों में फंगल इंफेक्शन भी पत्तियों को पीला कर सकते हैं. इनसे छुटकारा पाने के लिए इन देसी चीजों का उपयोग कर सकते हैं.
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लौकी के पौधे में डालने के लिए नीम के तेल, छाछ, नीम की खली और गोबर के उपले से बने लिक्विड फर्टिलाइजर का यूज कर सकते हैं. ये फर्टिलाइजर लौकी के पौधे के लिए बहुत फायदेमंद है. नीम का तेल और नीम की खली कीटनाशक का काम करता है. इसमें एंटीऑक्सीडेंट, एंटी-बैक्टीरियल, एंटी-फंगल और एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं, जो पौधे को कीट रोग से मुक्त रखते हैं.
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छाछ में कैल्शियम, फास्फोरस और पोटेशियम जैसे पोषक तत्व होते है, जो पौधे में फल और फूल की पैदावार को बढ़ाते हैं. गोबर का उपला पौधे में फूल झड़ने और फल में रोग लगने की समस्या को खत्म करता है.
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लौकी के पौधे में नीम के तेल, छाछ, नीम की खली और गोबर के उपले से बने लिक्विड फर्टिलाइजर का उपयोग लाभकारी है. इनका उपयोग करने के लिए 2 लीटर पानी में 2 एमएल नीम के तेल, आधा गिलास छाछ, एक मुट्ठी नीम की खली और गोबर के उपले को डालकर कुछ देर भिगोकर रख दें. फिर इसे अच्छे से मिक्स करके छान लें. इसमें एक लीटर पानी और मिलाएं और इसे लौकी की मिट्टी, फूल और पत्तियों पर स्प्रे कर दें. ऐसा करने से पौधे को पोषक तत्व मिलेंगे, जिससे लौकी की बंपर पैदावार होगी.
First Published :
May 06, 2025, 06:01 IST