वीकेंड में सीकर घूमने का बना रहे हैं प्लान, तो खाटूश्याम के अलावा इन स्थानों की जरूर करें सैर, मिलेगी शांति
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सीकर जिला धार्मिक और ऐतिहासिक स्थलों के लिए प्रसिद्ध है. खाटूश्याम जी मंदिर, जीण माता मंदिर, फतेहपुर हवेलिया, लक्ष्मणगढ़ किला और हर्ष शिव मंदिर प्रमुख आकर्षण हैं.
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धार्मिक दृष्टि से सीकर जिला पूरे विश्व में प्रसिद्ध है. यहां पर अनेकों धार्मिक और ऐतिहासिक पर्यटक स्थल है. धार्मिक दृष्टि से तो राजस्थान में सबसे ज्यादा पर्यटक सीकर जिले में ही आता है. सीकर राजस्थान का एक प्रमुख ऐतिहासिक और सांस्कृतिक वाला जिला है. अगर आप वीकेंड पर सीकर घूमने के प्लानिंग बना रहे हैं, तो आज हम आपको सीकर में घूमने लायक पांच बेहतरीन जगह के बारे में बताएंगे.
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<strong>(1). खाटूश्याम जी मंदिर:</strong> यह मंदिर भगवान श्याम (कृष्ण के अवतार) को समर्पित है. यह मंदिर सीकर जिला मुख्यालय से 45 किलोमीटर स्थित है. यहा लाखों भक्त बाबा श्याम दर्शन करने आते हैं. यहां पर राजस्थान ही नहीं, बल्कि देश सहित विदेशी भक्त भी बाबा श्याम के दर्शन करने के लिए आते हैं.
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<strong>(2).जीण माता मंदिर:</strong> यह सीकर जिला मुख्यालय से लगभग 29 किलोमीटर दूर है. यह मंदिर शक्ति की देवी जीण माता को समर्पित है और यहां नवरात्रि के समय विशेष पूजा होती है. खाटूश्याम जी आने वाले भक्त जीण माता मंदिर के जरूर करते हैं. तीन पहाड़ियों की तलहटी में बस यह मंदिर प्राकृतिक सौंदर्य का भी आनंद देता है.
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<strong>(3). फतेहपुर हवेलिया:</strong> फतेहपुर में बनी ये हवेलिया अपनी खूबसूरत चित्रकारी और स्थापत्य कला के लिए प्रसिद्ध हैं. ये सीकर के पास हैं और शेखावाटी क्षेत्र की विशिष्ट शैली को प्रदर्शित करती हैं. इन हवेलियों की वास्तुकला की पूरे विश्व में सराहना होती है, विदेशी पर्यटक भी यहां घूमने आते हैं.
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<strong>(4). लक्ष्मणगढ़ किला:</strong> यह किला एक पहाड़ी की चोटी पर स्थित है और यहा से पूरा लक्ष्मणगढ़ शहर देखा जा सकता है. यह किला अपने वास्तुकला और इतिहास के लिए प्रसिद्ध है. सीकर के राजा लक्ष्मण सिंह ने 19वीं शताब्दी की शुरुआत में कान सिंह सलेधी द्वारा समृद्ध शहर की घेराबंदी के बाद किले का निर्माण करवाया था. लक्ष्मणगढ़ का किला पूरी दुनिया में किला वास्तुकला का एक अनूठा नमूना है, क्योंकि यह संरचना विशाल चट्टानों के बिखरे हुए टुकड़ों पर बनी है.
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<strong>(5) हर्ष शिव मंदिर:</strong> सीकर जिला मुख्यालय से 14 किलोमीटर दूर हर्ष पर्वत है. यह पर्वत अपनी ऊंचाई और चोटी पर बने भगवान शिव और भैरव नाथ के मंदिर के कारण पर्यटकों के आकर्षण का केंद्र है. हर्ष पर्वत की ऊंचाई लगभग 3100 फीट है. यह प्रदेश में माउंट आबू के बाद दूसरा सबसे ऊंचा पर्वत माना जाता है. यहां पर 1018 में चौहान राजा सिंह राज ने हर्ष नगरी और हर्षनाथ मंदिर की स्थापना करवाई थी. इस जगह को राजस्थान का केदारनाथ भी कहा जाता है.
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First Published :
May 25, 2025, 16:49 IST