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Bank Fraud : भूषण स्‍टील के एमडी ने कैसे लगाया बैंकों को चूना, सबसे बड़े फ्रॉड को दिया अंजाम

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Bank Fraud : बैंकों के साथ धोखधड़ी के तो कई मामले सामने आ चुके हैं. विजय माल्‍या से लेकर नीरव मोदी और मेहुल चोकसी तक कई भगोड़े बैंकों का पैसा मारकर विदेश में बैठे हैं. लेकिन, भूषण स्‍टील के एमडी ने जो किया उसके सामने इन सबकी करतूतें बहुत छोटी हैं. भूषण स्‍टील ने बिजनेस के नाम पर बैंकों के साथ देश के सबसे बड़े फर्जीवाड़े को अंजाम दिया है.

Bank Fraud : भूषण स्‍टील के एमडी ने कैसे दिया सबसे बड़े बैंक फ्रॉड को अंजामभूषण स्‍टील दिवालिया होने के बाद टाटा ने खरीद ली है.
नई दिल्‍ली. भूषण स्‍टील लिमिटेड (Bhushan Steel Limited) के प्रबंध निदेशक रहे नीरज सिंघल (Neeraj Singhal) पर प्रवर्तन निदेशालय (Enforcement Directorate) का शिकंजा कसता जा रहा है. ED ने अपनी शुरुआती जांच में बताया है कि नीरज ने करीब 3 दर्जन बैंकों को 56 हजार करोड़ रुपये का चूना लगाया है. इसमें सबसे ज्‍यादा नुकसान सरकारी बैंकों को उठाना पड़ा है. फिलहाल यह देश का सबसे बड़ा बैंक फ्रॉड माना जा रहा है. आपको हम विस्‍तार से बताएंगे कि आखिर कैसे नीरज ने बैंकों के साथ हेरफेर कर हजारों करोड़ रुपये गबन कर लिए.

दरअसल, इस फर्जीवाड़े का खुलासा तो 4-5 साल पहले ही हो चुका था और दिवालिया हो चुकी भूषण स्‍टील को बाद में टाटा स्‍टील ने खरीद भी लिया. इसके बाद से ही सीबीआई, ईडी जैसी जांच एजेंसियां नीरज सिंघल की करतूतों का पर्दाफाश करने में जुटी हुई हैं. हाल में ईडी ने नीरज के खिलाफ मामला दर्ज करते हुए 10 दिन की रिमांड पर लिया है. उन पर बैंकों के 56 हजार करोड़ रुपये गबन करने के आरोप हैं.
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कैसे दिया फर्जीवाड़े को अंजाम
जांच एजेंसियों ने अपनी पड़ताल में पाया है कि नीरज ने बैंकों से बिजनेस के नाम पर पैसे लिए और उसका इस्‍तेमाल अपने पर्सनल यूज में किया. इसके लिए नीरज ने डमी यानी सेल कंपनियां बनाईं और बैंकों से लिए फंड को एक कंपनी से दूसरी कंपनी में ट्रांसफर करते हुए मल्‍टीपल इंट्रीज के जरिये उसे अपने पर्सनल इस्‍तेमाल के लिए निवेश कर दिया. बैंकों से लिए पैंसों को बिजनेस में लगाने के बजाए उसे शेयर मार्केट, म्‍यूचुअल फंड आदि में निवेश कर दिया. इसके अलावा बड़ी मात्रा में प्रॉपर्टीज खरीदी व महंगी कार और अन्‍य महंगे सामान पर्सनल यूज के लिए खरीद डाले.
फर्जी डॉक्‍यूमेंट से लिया लोन
जांच एजेंसियों ने खुलासा किया है नीरज ने फर्जी दस्‍तावेजों के सहारे बैंकों से लोन उठाया है. भूषण स्‍टील के मार्फत फर्जी तरीके से लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) बनाया और बैंकों से मोटा फंड उठा लिया. फिर इन पैसों को अपनी सेल कंपनियों के जरिये इधर-उधर कर दिया. यह लोन कंपनी ने जेएसडब्‍ल्‍यू स्‍टील और हिंदुस्‍तान जिंक लिमिटेड के साथ बिजनेस बढ़ाने के नाम पर लिया था, जबकि इसे भूषण स्‍टील व अन्‍य संबंधित कंपनियों के नाम पर भेज दिया. इससे दो सरकारी बैंकों एसबीआई और पीएनबी (State Bank of India and Punjab National Bank) को बड़ा झटका दिया. वैसे तो भूषण स्‍टील और नीरज ने 30 से ज्‍यादा बैंकों को नुकसान पहुंचाया, लेकिन सबसे ज्‍यादा झटका इन दो सरकारी बैंकों को लगा है.

33 बैंकों को लगा झटका
भूषण स्‍टील ने नया प्‍लांट लगाने और मशीनरी खरीदने के नाम पर सरकारी और निजी बैंकों से हजारों करोड़ का लोन उठाया. कंपनी ने एसबीआई, पीएनबी के अलावा इलाहाबाद बैंक से भी करीब 1700 करोड़ रुपये का लोन लिया. भारी लोन लेने के बाद इसके ब्‍याज का समय पर भुगतान नहीं किया और लगातार डिफॉल्‍ट के कारण कंपनी को बैंकों ने ब्‍लैक लिस्‍ट कर दिया. इसके बाद यह दिवालिया घोषित हो गई और राष्‍ट्रीय कंपनी विधि न्‍यायाधिकरण के आदेश पर इसे बेचकर बैंकों का कर्ज चुकाने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई. टाटा स्‍टील ने इस कंपनी को खरीद लिया और बैंकों के बकाए का करीब 66 फीसदी हिस्‍सा चुका भी दिया.

पीएनबी ने की एनपीए की शुरुआत
भूषण स्‍टील व इसके प्रर्वतकों ने साल 2007 से 2014 तक अलग-अलग बैंकों से 47 हजार करोड़ रुपये से ज्‍यादा का लोन लिया. सबसे ज्‍यादा पैसे पंजाब नेशनल बैंक ने दिए और उसी की अगुवाई में अन्‍य बैंकों ने भी कंपनी में अपनी पूंजी लगा दी. समय पर एक भी बैंक का ब्‍याज नहीं चुकाने पर सबसे पहले पीएनबी ने ही लोन को एनपीए घोषित किया और जांच शुरू की. बैंक ने पाया कि कंपनी ने लोन उठाने के लिए कई फर्जी दस्‍तावेजों का सहारा लिया है. पीएनबी के बाद अन्‍य बैंकों ने भी भूषण स्‍टील के खाते का एनपीए घोषित करने की प्रक्रिया शुरू कर दी. पंजाब एंड सिंध बैंक ने भी भूषण स्‍टील पर करीब 300 करोड़ की हेराफेरी का आरोप लगाया था.

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Pramod Kumar Tiwari
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि...और पढ़ें
प्रमोद कुमार तिवारी को शेयर बाजार, इन्‍वेस्‍टमेंट टिप्‍स, टैक्‍स और पर्सनल फाइनेंस कवर करना पसंद है. जटिल विषयों को बड़ी सहजता से समझाते हैं. अखबारों में पर्सनल फाइनेंस पर दर्जनों कॉलम भी लिख चुके हैं. पत्रकारि... और पढ़ें
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