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'बेवजह पक्षपात के शक से ही जांच CBI को नहीं भेजी जा सकती', दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- होना चाहिए कोई ठोस आधार

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Delhi High Court Denied Plea for Transfer of Probe: दिल्ली उच्च न्यायालय ने कहा है कि किसी भी मामले की जांच को एक एजेंसी से दूसरी एजेंसी को स्थानांतरित करने का आदेश दिया जाना एक गंभीर मामला है. कोई जांच सीबीआई को केवल इसलिए नहीं भेजी जा सकती कि याचिकाकर्ता को लगता है कि उसके साथ गलत तरीके से पक्षपात किया जा रहा है. न्यायमूर्ति जसमीत सिंह की सिंगल जज वाली पीठ ने यौन उत्पीड़न मामले की जांच राज्य पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग वाली याचिका पर सुनवाई करते हुए ये टिप्पणी की. उन्होंने एक महिला की याचिका को खारिज कर दिया.

दिल्ली हाईकोर्ट ने कहा- बेवजह पक्षपात के शक से जांच CBI को नहीं भेजी जा सकतीदिल्ली हाईकोर्ट ने कहा कि बिना ठोस आधार के पुलिस से जांच CBI को भेजने का आदेश नहीं दिया जा सकता. (PHOTO:IANS)
नई दिल्ली. दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने कहा है कि एक जांच एजेंसी से दूसरी एजेंसी को जांच भेजना एक गंभीर मामला है. पुलिस से सीबीआई (CBI) को जांच स्थानांतरित करने का आदेश केवल इसलिए पारित नहीं किया जा सकता है, क्योंकि फैसला उसके पक्ष में नहीं होने पर याचिकाकर्ता गलत तरीके से पक्षपात महसूस करता है. जस्टिस जसमीत सिंह ने कहा कि वह यौन उत्पीड़न मामले (Sexual Harassment Case) में दिल्ली पुलिस द्वारा की गई जांच से संतुष्ट हैं. जिसमें आरोप पत्र पहले ही दायर किया जा चुका है और संबंधित अधिकारियों ने याचिकाकर्ता महिला के हर आरोप पर निष्पक्षता और उचित तरीके से गौर किया है.

दिल्ली हाईकोर्ट ने मामले में आगे की जांच दिल्ली पुलिस से सीबीआई को स्थानांतरित करने की मांग करने वाली महिला की याचिका खारिज कर दी. हाईकोर्ट ने कहा कि रिकॉर्ड में ऐसा कुछ भी नहीं रखा गया है, जिससे दिल्ली पुलिस (Delhi police) द्वारा की गई जांच के संबंध में उसका भरोसा डगमगाया हो. हाईकोर्ट ने कहा कि ‘सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने का आदेश केवल इसलिए पारित नहीं किया जा सकता है कि वादी फैसला अपने पक्ष में नहीं आने से गलत तरीके से पूर्वाग्रह से ग्रस्त है.’ हाईकोर्ट ने कहा कि किसी भी पुलिस अधिकारी की ओर से कर्तव्य में या रिकॉर्ड में कोई लापरवाही बरतने की बात सामने नहीं आई है.

दिल्ली हाईकोर्ट का यह आदेश एक निजी कंपनी की एक पूर्व महिला कर्मचारी की याचिका पर आया. जिसने फर्म के एक वरिष्ठ अधिकारी के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए थे. महिला ने यह दावा करते हुए पुलिस से सीबीआई को जांच स्थानांतरित करने की मांग की थी कि शहर के पुलिस अधिकारियों ने मामले की निष्पक्ष जांच करने के प्रयास नहीं किए और जांच में बड़ी खामियां थीं.

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Rakesh Singh
Rakesh Singh is a chief sub editor with 14 years of experience in media and publication. International affairs, Politics and agriculture are area of Interest. Many articles written by Rakesh Singh published in ...और पढ़ें
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