NAS 2021 : राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्य प्रदेश ने लगाई ऊंची छलांग, मिला पांचवां स्थान, सीएम शिवराज ने दी बधाई
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Agency:News18Hindi
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NAS 2021 : स्कूली शिक्षा की उपलब्धियों को परखने के लिए केंद्र सरकार की ओर से प्रत्येक तीन साल पर कराए जाने वाले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्य प्रदेश ने बड़ी कामयाबी हासिल की है. मध्य प्रदेश अपनी रैंकिंग ठीक करते हुए 17वें स्थान से पांचवें पर पहुंच गया है.

भोपाल. एनसीईआरटी और सीबीएसई की ओर से कराए गए राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्य प्रदेश ने बड़ी उपलब्धि हासिल की है. प्रत्येक तीन साल पर होने वाले राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में मध्यप्रदेश को पांचवा स्थान मिला है. इस सर्वे में प्राथमिक कक्षाओं ( पहली से लेकर आठवीं) की शैक्षिक उपलब्धियों का मूल्यांकन किया जाता है. साल 2017 में मध्य प्रदेश 17वें पायदान पर था. मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने इस उपलब्धि के लिए प्रदेशवासियों को ट्वीट कर बधाई दी है.
मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने ट्वीट कर लिखा कि आज मुझे अत्यंत हर्ष और गर्व का अनुभव हो रहा है कि मध्य प्रदेश प्रारंभिक कक्षाओं की शैक्षिक उपलब्धियों में राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे में पूरे देश में पांचवें स्थान पर है. साल 2017 में मध्यप्रदेश 17वें स्थान पर था. ऐतिहासिक उपलब्धि के लिए आप सभी का हार्दिक अभिनंदन. बता दें कि राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे 12 नवंबर 2021 में कराया गया था.
कक्षावार ऐसा रहा परफॉर्मेंस
सर्वे में में तीसरी में भाषा में प्रदेश ने 10वां स्थान, गणित,पर्यावरण और अध्ययन में चौथा स्थान प्राप्त किया है. प्रदेश को कक्षा 5वीं में भाषा में 9वां स्थान, गणित,पर्यावरण और अध्ययन में तीसरा स्थान मिला है. वहीं, कक्षा आठवीं में भाषा में 23वां स्थान, गणित में पांचवा, विज्ञान में 9वां और सामाजिक अध्ययन में 7वां स्थान मिला है. कक्षा दसवीं में भाषा और गणित में 7वां, विज्ञान में 16वां, सामाजिक अध्ययन में 25वां और इंग्लिश में 28वां स्थान मिला है.
केंद्र सरकार की ओर से कराया जाता है सर्वे
राष्ट्रीय उपलब्धि सर्वे केंद्र सरकार की ओर से कराया जाता है. इसके जरिए स्कूली शिक्षा में उपलब्धियों को परखा जाता है. इसके लिए पूरे देश से सैंपल लिए जाते हैं. जिसके आधार पर कक्षा तीसरी, पांचवी, आठवीं और दसवीं के छात्र-छात्राओं की शैक्षिक उपलब्धियों को परखा जाता है. स्कूली शिक्षा की गुणवत्ता का आकलन करके सर्वे के आधार पर स्कूली शिक्षा के लिए नई नीतियों बनाकर सुधारात्मक प्रक्रिया की जाती है.
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