नासा ने दी सूर्य के लिए दो नए अभियानों की स्वीकृति, जानिए इनकी अहमियत
Agency:News18Hindi
Last Updated:
नासा (NASA) ने सूर्य (Sun) और पृथ्वी (Earth) के सिस्टम के अध्ययन के लिए दो अभियानों (Missions) की स्वीकृति दी है जिसमें जापान और यूरोपीय देशों का सहयोग शामिल है.

इस समय नासा (NASA) का जोर भले ही चंद्रमा और मंगल के अभियानों पर हो, लेकिन उसके दूसरे अन्वेषण कार्यक्रम भी जारी है. हाल ही में नासा सूर्य (Sun) के लिए दो अभियानों को स्वीकृति दी है. ये दोनों सैटेलाइट सूर्य और पृथ्वी (Earth) के बीत सिस्टम का अध्ययन कर बहुत सारी घटनाओं का समझने का प्रयास करेंगे. यह घोषणा ऐसे समय में हुई है जब नासा के सहयोग से सूर्य की ओर भेजा गया सोलर ऑर्बिटर (Solar Orbiter) शुक्र ग्रह के पास से गुजर रहा है.
अंतरिक्ष के मौसम की समझ
नासा के ये अभियान सूर्य और उसके उस सिस्टम का अन्वेषण करेंगे जो पृथ्वी के पास के अंतरिक्ष का मौसम निर्धारित करता है. ये मिशन एक्स्ट्रीम अल्ट्रावायलेट हाई थ्रूपुट स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेलिस्कोप इप्सिलोन मिशन (EUVST) और इलेक्ट्रोजेट जीमैन इमेजिंग एक्स्प्लोरर (EZIE) हैं. नासा का कहना है कि दोनों मिलकर सूर्य और पृथ्वी के जुड़े हुए सिस्टम को समझने में मददार होंगे.
पहली बार हो सकेगा इस तरह का अवलोकन
नासा के वॉशिंगटन मुख्यालय में विज्ञान कि सहायक प्रशासक थॉमल जुप्बुशेन ने बताया कि वे अपने बढ़ते सैटेलाइट के बेड़े में दो नए अभियानों को जोड़ने से बहुत खुश हैं. ये सैटेलाइट सूर्य-पृथ्वी सिस्टम का अभूतपूर्व अवलोकन उपकरणों से अध्ययन करेंगे.
दूसरो देशों का भी सहयोग
इन अभियानों में यूरोपीय देशों के साथ जापान का भी सहयोग रहेगा. जुप्बुशेन ने बताया कि वे ऑरोर इल्क्ट्रोजट पर केंद्रित वेधशाला और योकोह और हिनोड सोलर साइंस मिशन की सफलता के बाद जाक्सा और अन्य यूरोपीय सहयोगियो से जुड़ने से वे बहुत रोमांचित हैं.
इन घटनाओं पर होगी खास तौर पर निगाहें
नासा ने बताया कि सौर पवन, सौर प्रस्फोट, सौर ज्वालाएं और करोनल मास इजेक्शन (CME) को संचालित करने वाली भौतिकी की समझ एक दिन वैज्ञानिकों को इनका पूर्वानुमान लागने में सक्षम कर देगी. इस घटनाओं का मानवीय तकनीक और अंतरिक्ष के अन्वेषकर्ताओं पर बहुत प्रभाव पड़ता है.
क्या विज्ञान से ज्यादा राजनीति से प्रेरित थे नासा के अपोलो अभियान
क्या अध्ययन करेगा EUVST
इन अभियानों में से सोलर सी EUVST अभियान की अगुआई जापानी स्पेस एजेंसी जाक्सा कर रहा है. इसके अलावा इसमें दो अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगी भी शामिल होंगे. EUVST को साल 2026 में प्रक्षेपित करने की योजना है. यह सौर टेलीस्कोप होगा जो सूर्य का वायुमंडल का अध्ययन कर बताएगा कि वहां सौर पवनें और उससे निकलने वाले पदार्थ कैसे उत्सर्जित होते हैं.
क्या होगी नास की EUVST में भूमिका
सूर्य पर होने वाली इन प्रक्रियाओं का असर पूरे सौरमंडल के अंतरिक्ष विकिरण के वातावरण पर पर पड़ता है. इस अभियान में नासा एक अल्ट्रावॉयलेट डिटेक्टर और सपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स, स्पेक्ट्रोग्राफ उपकरण, एक गाइड टेलीस्कोप, सॉफ्टवेयर और स्लिट-जॉ वाला इमेजिंग सिस्टम प्रदान करेगा जिससे स्पैक्ट्रोग्राफिक मापन किया जा सके.
शुक्र के पास से गुजरा NASA ESA का सोलर ऑर्बिटर, जानिए कितनी खास है ये घटना
EZIE का प्रक्षेपण जून 2024 के बाद होगा. इसमें तीन क्यूबसैट होंगे जो ऑरोरल इलेक्ट्रोजेट के स्रोतों का अध्ययन करेंगे. इस मिशन का बजट 5.33 करोड़ डॉलर है. वहीं EUVS का बजट 5.5 करोड़ डॉलर है. नासा का कहना है कि ये अभियान अंतरिक्ष के विभिन्न विभागों के अनुसंधान के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
अंतरिक्ष के मौसम की समझ
नासा के ये अभियान सूर्य और उसके उस सिस्टम का अन्वेषण करेंगे जो पृथ्वी के पास के अंतरिक्ष का मौसम निर्धारित करता है. ये मिशन एक्स्ट्रीम अल्ट्रावायलेट हाई थ्रूपुट स्पेक्ट्रोस्कोपिक टेलिस्कोप इप्सिलोन मिशन (EUVST) और इलेक्ट्रोजेट जीमैन इमेजिंग एक्स्प्लोरर (EZIE) हैं. नासा का कहना है कि दोनों मिलकर सूर्य और पृथ्वी के जुड़े हुए सिस्टम को समझने में मददार होंगे.
पहली बार हो सकेगा इस तरह का अवलोकन
नासा के वॉशिंगटन मुख्यालय में विज्ञान कि सहायक प्रशासक थॉमल जुप्बुशेन ने बताया कि वे अपने बढ़ते सैटेलाइट के बेड़े में दो नए अभियानों को जोड़ने से बहुत खुश हैं. ये सैटेलाइट सूर्य-पृथ्वी सिस्टम का अभूतपूर्व अवलोकन उपकरणों से अध्ययन करेंगे.
दूसरो देशों का भी सहयोग
इन अभियानों में यूरोपीय देशों के साथ जापान का भी सहयोग रहेगा. जुप्बुशेन ने बताया कि वे ऑरोर इल्क्ट्रोजट पर केंद्रित वेधशाला और योकोह और हिनोड सोलर साइंस मिशन की सफलता के बाद जाक्सा और अन्य यूरोपीय सहयोगियो से जुड़ने से वे बहुत रोमांचित हैं.
EUVST सूर्य की गतिविधियों (Solar Activities) का अध्ययन करने का काम करेगा. (प्रतीकात्मक तस्वीर)
इन घटनाओं पर होगी खास तौर पर निगाहें
नासा ने बताया कि सौर पवन, सौर प्रस्फोट, सौर ज्वालाएं और करोनल मास इजेक्शन (CME) को संचालित करने वाली भौतिकी की समझ एक दिन वैज्ञानिकों को इनका पूर्वानुमान लागने में सक्षम कर देगी. इस घटनाओं का मानवीय तकनीक और अंतरिक्ष के अन्वेषकर्ताओं पर बहुत प्रभाव पड़ता है.
क्या विज्ञान से ज्यादा राजनीति से प्रेरित थे नासा के अपोलो अभियान
क्या अध्ययन करेगा EUVST
इन अभियानों में से सोलर सी EUVST अभियान की अगुआई जापानी स्पेस एजेंसी जाक्सा कर रहा है. इसके अलावा इसमें दो अन्य अंतरराष्ट्रीय सहयोगी भी शामिल होंगे. EUVST को साल 2026 में प्रक्षेपित करने की योजना है. यह सौर टेलीस्कोप होगा जो सूर्य का वायुमंडल का अध्ययन कर बताएगा कि वहां सौर पवनें और उससे निकलने वाले पदार्थ कैसे उत्सर्जित होते हैं.
EZIE पृथ्वी (Earth) के मैग्नेटोस्फियर (Magnetoshpere) पर सूर्य के प्रभाव का अध्ययन करेगा. (तस्वीर ULCA EPSS NASA)
क्या होगी नास की EUVST में भूमिका
सूर्य पर होने वाली इन प्रक्रियाओं का असर पूरे सौरमंडल के अंतरिक्ष विकिरण के वातावरण पर पर पड़ता है. इस अभियान में नासा एक अल्ट्रावॉयलेट डिटेक्टर और सपोर्ट इलेक्ट्रॉनिक्स, स्पेक्ट्रोग्राफ उपकरण, एक गाइड टेलीस्कोप, सॉफ्टवेयर और स्लिट-जॉ वाला इमेजिंग सिस्टम प्रदान करेगा जिससे स्पैक्ट्रोग्राफिक मापन किया जा सके.
शुक्र के पास से गुजरा NASA ESA का सोलर ऑर्बिटर, जानिए कितनी खास है ये घटना
EZIE का प्रक्षेपण जून 2024 के बाद होगा. इसमें तीन क्यूबसैट होंगे जो ऑरोरल इलेक्ट्रोजेट के स्रोतों का अध्ययन करेंगे. इस मिशन का बजट 5.33 करोड़ डॉलर है. वहीं EUVS का बजट 5.5 करोड़ डॉलर है. नासा का कहना है कि ये अभियान अंतरिक्ष के विभिन्न विभागों के अनुसंधान के प्रति उसकी प्रतिबद्धता को दर्शाता है.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
और पढ़ें