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बड़ा बेदर्द है शरीर का यह दर्द, एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा भी कर चुकीं फेस, डॉक्टर से जानें वजह, लक्षण और ट्रीटमेंट

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Bulging Disc Problem: पिछले कुछ समय पहले खबर आई थी कि, बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा 'बल्जिंग डिस्क' से जूझ रही हैं. इस बीमारी को सह पाना हर किसी के बस की बात नहीं है. इस प्रॉब्लम में शरीर में काफी ज्यादा दर्द बना रहता है. आइए जानते हैं कि आखिर 'बल्जिंग डिस्क' है क्या? क्या हैं इसके लक्षण और उपचार?

बड़ा बेदर्द है शरीर का यह दर्द, एक्ट्रेस अनुष्का भी कर चुकीं फेस, जानें लक्षणरीढ़ की हड्डी से जुड़ी गंभीर बीमारी है बल्जिंग डिस्क.
Bulging Disc Problem: एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा और क्रिकेटर विराट कोहली इन दिनों काफी सुर्खियों में हैं. वजह, इस शानदार जोड़ी का प्रेमानंद महाराज के पास जाना. दरअसल, शुक्रवार को विराट कोहली और उनकी पत्‍नी अनुष्‍का शर्मा वृंदावन के प्रस‍िद्ध संत प्रेमानंद महाराज से म‍िलने पहुंचे थे. वंदावन में वे अपने दोनों बच्‍चों के साथ थे. इस दौरान उन्होंने बाबा के सामने मानसिक शांति, सेहत और भक्ति समेत तमाम दुव‍िधाओं से जुड़ी बातों पर चर्चा की. लेकिन, क्या आप जानते हैं कि अनुष्का शर्मा लंबे समय से एक बीमारी का भी सामना कर रही हैं.

जी हां, पिछले कुछ समय पहले खबर आई थी कि, बॉलीवुड एक्ट्रेस अनुष्का शर्मा ‘बल्जिंग डिस्क’ से जूझ रही हैं. इस बीमारी को सह पाना हर किसी के बस की बात नहीं है. इस प्रॉब्लम में शरीर में काफी ज्यादा दर्द बना रहता है. इस समस्या में उठना-बैठना तक मुश्किल हो जाता है. इस बेतहासा दर्द का सामना अनुष्का शर्मा कर चुकी हैं. इस समस्या का नाम ‘बल्जिंग डिस्क (Bulging Disc)’ है. अब सवाल है कि आखिर ‘बल्जिंग डिस्क’ है क्या? क्यों होती है यह बीमारी? क्या हैं बल्जिंग डिस्क के लक्षण और उपचार? इस बारे में News18 को बता रही हैं एलएनजेपी हॉस्पिटल दिल्ली की कंसल्टेंट पेन फिजिशियन डॉ. भुवना आहूजा-
बल्जिंग डिस्क की वजह

डॉ. भुवना आहूजा बताती हैं कि, बल्जिंग डिस्क रीढ़ की हड्डी से जुड़ी बीमारी है. यह सामान्यता नर्वस सिस्टम के कमजोर होने से होता है. ये डिस्क पर ज्यादा प्रेशर की वजह से बनती है. बल्जिंग डिस्क उस स्थिति को कहते हैं जब इंटरवर्टेब्रल डिस्क (intervertebral disc) की भीतरी परत, बाहर की ओर निकलने लगती है. इसकी एक वजह डिस्क का डीजेनरेटिव (Degenerative) होना भी है. इसमें परेशानी तब बढ़ती है, जब ये बाहर की ओर बढ़कर किसी अन्य टिश्यू और नर्व्स के संपर्क में आती है. ये परेशानी लोअर बैक और गर्दन में हो सकती है. इसके लक्षण हर्नियेटेड डिस्क की तरह होते हैं. इसलिए बहुत से लोग इसे हर्नियेटेड डिस्क भी कह देते हैं.
एक्सपर्ट की मानें तो, जो दर्द कमर से शुरू होकर पैर तक जाता है उसे रेडिक्यूलर दर्द जोकि, रेडिकुलोपैथी के कारण होता है. रेडिकुलोपैथी तब होती है जब रीढ़ की हड्डी के भीतर एक तंत्रिका जड़ दब जाती है या क्षतिग्रस्त हो जाती है. जब ऐसा होता है तो यह रीढ़ के साथ-साथ शरीर के कई अन्य जगह भी प्रभावित हो सकता है.

बल्जिंग डिस्क के लक्षण
डॉक्टर की मानें तो, हाथ या पैर में दर्द इसके मुख्य लक्षण हैं. यह दर्द इतने कॉमन होते हैं, जिसको समझने में लोग गलती कर बैठते हैं. इसलिए यदि आपके बैक लोअर, गर्दन, कंधे, नितंबों या जांघों में दर्द हो तो तुरंत डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए. क्योंकि, ये हर्नियेटेड डिस्क के भी लक्षण हो सकते हैं. यह दर्द खांसने और छींकने पर अधिक बढ़ जाता है. इसके अलावा, हाथ पैर सुन्‍न या झुनझुनाहट होना, मासपेशियों में कमजोरी भी इसके लक्षण हो सकते हैं.

बल्जिंग डिस्क का ट्रीटमेंट
एक्सपर्ट की मानें तो, स्पाइनल डिस्क इंज्यरी चोट लगने, उसके लक्षणों के आधार पर आंकी जाती है. जिसके लिए स्पाइन का MRI या CT स्कैन किया जाता है. बल्जिंग डिस्क इंज्यरी का ट्रीटमेंट ज्यादातर बिना किसी सर्जरी के किया जाता है. इस दौरान डिस्क के ऐन्यलस में हुए बदलाव को वापस सही पोश्चर में लाया जाता है. बल्जिंग डिस्क का इलाज फीजियोथेरेपी से किया जाता है. इससे मांसपेशियों में लचीलापन आता है. इस स्थिति में नॉर्मल होने में कम से कम छह हफ्ते का वक्त लग जाता है.

बल्जिंग डिस्क रीढ़ की हड्डी में 3 जगह होने के चांसेज
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