Advertisement

ये हैं North-East इंडिया की 5 खूबसूरत जगहें, नहीं देखे होंगे ऐसे खूबसूरत नजारे

Written by:
Last Updated:

Travel To North-East India: पर्यटन के क्षेत्र में उत्तर-पूर्वी भारत को काफी उन्नत माना जाता है. यहां मौजूद घाटियां (Valley), झरने (Water Fall), तालाब और प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खींचती है. यहैं आपको एक तरफ जहां ऊंचे ऊंचे पहाड़ मिलेंगे, वहीं आप जंगलों की सैर भी कर पाएंगे. इसके अलावा आप यहां सुंदर और हरी भरी घाटियां और वॉटर फॉल का मजा भी ले पाएंगे. साथ ही चाय के बागानों के दर्शन भी कर पाएंगे.

ये हैं North-East इंडिया की 5 खूबसूरत जगहें, नहीं देखे होंगे ऐसे खूबसूरत नजारेचेरापूंजी को धरती पर सबसे गीली जगह कहा जाता है. Image-shutterstock.com
Travel To North-East India: अगर आप घूमने के शौकीन हैं और आपको प्रकृति (Nature) से बहुत प्यार है तो इस बार आप भारत के उत्तर-पूर्वी हिस्से को घूमने का प्लान बनाएं. उत्तर-पूर्वी भारत हमेशा से ही पर्यटकों के आकर्षण का केन्द्र रहा है. दरअसल पर्यटन के क्षेत्र में यह काफी उन्नत माना जाता है. यहां मौजूद घाटियां (Valley), झरने (Water Fall), तालाब और प्राकृतिक खूबसूरती लोगों को अपनी ओर खींचती है. यहैं आपको एक तरफ जहां ऊंचे ऊंचे पहाड़ मिलेंगे, वहीं आप जंगलों की सैर भी कर पाएंगे. इसके अलावा आप यहां सुंदर और हरी भरी घाटियां और वॉटर फॉल का मजा भी ले पाएंगे. साथ ही चाय के बागानों के दर्शन भी कर पाएंगे. तो इस बार पूर्वोत्तर भारत (नॉर्थ-ईस्ट इंडिया) को घूमने का प्लान बनाएं और इन जगहों पर जरूर पहुंचें.

गैंगटोक, सिक्किम
भारत का उत्तर पूर्वी हिस्सा प्राकृतिक खूबसूरती और पहाड़ों और झरनों की सुंदरता से भरा पड़ा है. ऐसा ही एक शहर घने पहाड़ों के बीच बसा हुआ है जिसे गैंगटोक या गंगटोक कहते हैं. गैंगटोक शहर पर्यटकों को अपनी तरफ खींचता है. खूबसूरत पहाड़ और साथ में बहती तीस्ता नदी, साफ सुथरी सड़कें गैंगटोक को और भी सुंदर बनाती हैं. यहां आप पैराग्लाइडिंग, रिवर राफ्टिंग और स्कींइग जैसे स्पोर्ट्स एडवेंचर का मजा ले सकते हैं. साथ ही गैंगटोक में आप लाल बाजार, एमजी रोड, सेवन सिस्टर वॉटर फॉल, सॉन्गमो झील देख सकते हैं. इसके अलावा गैंगटोक में कई प्राचीन मठ, मंदिर और महल भी मौजूद हैं. सिक्किम जाने का बेस्ट समय अक्टूबर और नवंबर और अप्रैल और मई का महीना है. गैंगटोक ट्रेन और हवाई जहाज दोनों ही से जाया जा सकता है.

मेघालय की राजधानी शिलांग को उत्तर पूर्व का स्कॉटलैंड कहा जाता है. यहां पूरे साल सुहावना मौसम रहता है. यहां के पहाड़ और खूबसूरत प्राकृतिक नजारे यहां आने वाले पर्यटकों का दिल खुश कर देते हैं. यहां स्थित शिलांग पीक, लेडी हैदरी पार्क, कैलांग रॉक, वार्डस झील और मीठा झरना मशहूर पर्यटन स्थल हैं. शिलांग घूमने का असली मजा पैदल या लोकल ट्रांसपोर्ट से ही आता है. आप यहां पर उमियम झील, हाथी झरना, मौसिनराम गांव और जैकरम हॉट स्प्रिंग भी घूम सकते हैं. शिलांग घूमने का बेस्ट सीजन गर्मियों का है. आप मार्च से जून महीने में यहां की प्रकृतिक सुंदरता का मजा ले सकते हैं. यहां पहुंचने के लिए शिलांग एयरपोर्ट सबसे नजदीक है. इसके अलावा आप ट्रेन से भी जा सकते हैं जो आपको गुवाहाटी तक पहुंचाएगी.

तवांग, अरुणाचल प्रदेश
अरुणाचल प्रदेश का तवांग पर्यटकों को अपनी ओर आकर्षित करता है. तवांग का मतलब होता है घोड़ा. कहते हैं इस जगह को बौद्ध धर्म के छठे दलाई लामा ने अपने मठ को बनाने के लिए चुना था. इस काम में उनके घोड़े ने उनकी मदद की थी. तभी से इसका नाम तवांग पड़ा. अरुणाचल प्रदेश के तवांग जिले को प्रक्रति ने अपनी खूबसूरती से सजाया है. इस शांत और खूबसूरत जगह को देखकर आपको ऐसा महसूस होगा जैसे इससे अच्छा कुछ और हो ही नहीं सकता. यहां के बैद्ध मठ वर्ल्ड फेमस हैं. यहां होने वाले कई त्योहार और मेले अपनी रंगीन भव्यता के लिए जाने जाते हैं. यहां के स्थानीय लोगों को मोनापा कहते हैं. यह काफी कुशल कारीगर होते हैं. तवांग में आप सेला दर्रा, तवांग मठ, ताकत्संग मठ घूम सकते हैं. कैंपिंग के शौकीनों के लिए भी तवांग एक अच्छी जगह है. अक्टूबर से मार्च तक का महीना तवांग घूमने के लिए सबसे सही समय है. तवांग में कोई रेलवे स्टेशन नहीं है. इसका सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन रंगपाड़ा, असम में है जो तवांग से करीब 383 किलोमीटर दूर है. यहां से आगे का सफर आप कैब या बस से ही कर सकते हैं. तवांग का सबसे नजदीकी एयरपोर्ट असम तेजपुर में है, जो तवांग से करीब 317 किलोमीटर दूर है.
चेरापूंजी, मेघालय
चेरापूंजी को धरती पर सबसे गीली जगह कहा जाता है. यह पूरा वेट लैंड समुद्र तल से करीब 1300 मीटर की ऊंचाई पर स्थित है. चेरापूंजी में सालभर सबसे ज्यादा बारिश होती है. यही कारण है कि लोग इस जगह की सुंदरता को देखने के लिए यहां घूमने आते हैं. यहां के प्रमुख आकर्षणों में से एक है- नोहकालकाई झरना, जिसकी ऊंचाई लगभग 1100 फीट है. यह भारत का सबसे ऊंचा झरना है. इसके अलावा चेरापूंजी में एक 200 फीट की अखंड चट्टान से बनी विशाल संरचना है, जो पलटी हुई टोकरी जैसी नजर आती है. पहाड़ियों और मैदान के बीच खड़ी यह चट्टान देखने वालों के लिए आश्चर्य का विषय है. आपको बता दें कि फिलहाल चेरापूंजी का नाम बदलकर सोहरा कर दिया गया है लेकिन अब भी यह लोगों की जुबान पर चेरापूंजी के नाम से ही फेमस है. आप यहां पर अक्टूबर से मई के बीच घूम सकते हैं. यहां पहुंचने के लिए नजदीकी एयरपोर्ट गुवाहाटी है. उसके आगे टैक्सी लेकर चेरापूंजी पहुंचा जा सकता है.

दार्जिलिंग, पश्चिम बंगाल


सिक्किम की तरह ही दार्जिलिंग भी पड़ाहों और घने जंगलों से घिरा हिल स्टेशन है. दार्जिलिंग में आप टी एस्टेट (चाय के बगान), मोनेस्ट्री, बतासिया गार्डन, कंचनजंगा व्यू पॉइंट, महाकाल मंदिर, तेनजिंग रॉक, रोप वे और दुनिया का 14वां और भारत का सबसे ऊंचाई पर मौजूद घूम रेलवे स्टेशन देख सकते हैं. दार्जिलिंग से आप कुसॉन्ग और भारत-नेपाल का बार्डर मिरिक भी देख सकते हैं. यह हिल स्टेशन बहुत ही सुंदर है. यहां पर आप टॉय ट्रेन का मजा भी ले सकते हैं. दार्जिलिंग घूमने का बेस्ट समय अक्टूबर से मई तक का है. दार्जिलिंग का सबसे करीबी एयरपोर्ट बागडोगरा एयरपोर्ट है. यह दार्जिलिंग से 124 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है. सबसे निकटतम रेलवे स्टेशन न्यू जलपाईगुड़ी है

About the Author

Purnima Acharya
पूर्णिमा आचार्य Hindi News18 में Cheif Sub Editor के पद पर कार्यरत हैं.
पूर्णिमा आचार्य Hindi News18 में Cheif Sub Editor के पद पर कार्यरत हैं.
न्यूज़18 को गूगल पर अपने पसंदीदा समाचार स्रोत के रूप में जोड़ने के लिए यहां क्लिक करें।
homelifestyle
ये हैं North-East इंडिया की 5 खूबसूरत जगहें, नहीं देखे होंगे ऐसे खूबसूरत नजारे
और पढ़ें