आनंद शर्मा का यू-टर्न, पहले थे प्रणब मुखर्जी से नाराज़ अब हुए उनके मुरीद
Agency:News18Hindi
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आनंद शर्मा ने कहा कि इस भाषण के बाद प्रणब मुखर्जी का कद और बड़ा हो गया है. इससे पहले उन्होंने कहा था कि प्रणब मुखर्जी के इस कदम से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता नाराज़ हो गए हैं.

पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के नागपुर स्थित संघ मुख्यालय में स्वयंसेवकों को संबोधित किए जाने को लेकर कांग्रेस के नेता और पूर्व केन्द्रीय मंत्री आनंद शर्मा ने नाराज़गी जताई थी. उन्होंने कहा था कि प्रणब मुखर्जी के इस कदम से कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ता नाराज़ हो गए हैं. लेकिन प्रणब मुखर्जी के भाषण के एक दिन बाद ही उन्होंने यू टर्न ले लिया है. आनंद शर्मा ने पूर्व राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी के भाषण की जम कर तारीफ की है.
आनंद शर्मा ने कहा कि इस भाषण के बाद प्रणब मुखर्जी का कद और बड़ा हो गया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ''प्रणब दा, नागपुर में आपका कद और बड़ा हो गया है. हमें आप पर गर्व है. धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए आपकी ताकतों पर हमें कोई शक नहीं था.'' उन्होंने आगे लिखा है, ''आपने आरएसएस को भारत के बहुलवाद की समृद्धि और विविधता के बारे में बताया, आशा है कि वे आपके संदेश पर अमल करेंगे.''
आनंद शर्मा ने कहा कि इस भाषण के बाद प्रणब मुखर्जी का कद और बड़ा हो गया है. उन्होंने ट्वीट करते हुए लिखा है, ''प्रणब दा, नागपुर में आपका कद और बड़ा हो गया है. हमें आप पर गर्व है. धर्मनिरपेक्ष संवैधानिक लोकतंत्र को बनाए रखने के लिए आपकी ताकतों पर हमें कोई शक नहीं था.'' उन्होंने आगे लिखा है, ''आपने आरएसएस को भारत के बहुलवाद की समृद्धि और विविधता के बारे में बताया, आशा है कि वे आपके संदेश पर अमल करेंगे.''
Pranam Pranab da, you have emerged proud and taller from Nagpur. There was never any doubt about your strength of character, moral courage, conviction and commitment to uphold the secular constitutional democracy.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) June 8, 2018
इससे पहले आनंद शर्मा ने कांग्रेस नेता आनंद शर्मा ने प्रणब मुखर्जी की जम कर आलोचना की थी. उन्होंने अपने ट्वीट में कहा था, ''आरएसएस मुख्यालय में प्रणब दा की तस्वीरों ने भारतीय गणतंत्र के आधारभूत मूल्यों, विविधता एवं बहुलतावाद में विश्वास करने वाले लोगों और कांग्रेस के लाखों कार्यकर्ताओं को नाराज किया है.''
शर्मा ने आगे कहा, 'संवाद केवल उन्हीं के साथ हो सकता है जो सुनने, अपनाने और बदलाव लाने के लिए तैयार हों। ऐसा नहीं लगता है कि आरएसएस अपने कोर एजेंडा को छोड़ चुका है क्योंकि वह अधिकार की बात करता है।'
The images of Pranab Da, veteran leader and ideologue at RSS Headquarters have anguished millions of Congress workers and all those who believed in pluralism, diversity and the foundational values of the Indian Republic.
— Anand Sharma (@AnandSharmaINC) June 7, 2018
‘‘राष्ट्र, राष्ट्रवाद और देशप्रेम’’ के बारे में आरएसएस मुख्यालय में पूर्व राष्ट्रपति एवं कांग्रेस के वरिष्ठ नेता रहे प्रणब मुखर्जी ने अपने विचार साझा किए. गुरुवार को कहा प्रणब ने कहा कि भारत की आत्मा 'बहुलतावाद एवं सहिष्णुता' में बसती है. मुखर्जी ने आरएसएस कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए कहा कि भारत में हम अपनी ताकत सहिष्णुता से प्राप्त करते हैं और बहुलवाद का सम्मान करते हैं. हम अपनी विविधता का उत्सव मनाते हैं. उन्होंने प्राचीन भारत से लेकर देश के स्वतंत्रता आंदोलत तक के इतिहास का उल्लेख करते हुए कहा कि हमारा राष्ट्रवाद ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ तथा ‘सर्वे भवन्तु सुखिन:..’ जैसे विचारों पर आधारित है.
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