BJP विधायक मदन दिलावर ने दी सफाई, 'मैंने गुस्से में कहा था, हां मैं खटीक हूं, बहुत बकरे काटे हैं'
Agency:News18Hindi
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Madan Dilawar Controversial statement: मंडा गांव में प्रशासन शहरों के संग शिविर में विधायक मदन दिलावर व ग्रामीणों के बीच में जमकर तकरार हुई. विधायक द्वारा राशि देने से मना करने पर ग्रामीणों ने मुर्दाबाद के नारे लगाने शुरू कर दिए. नाराज होकर दिलावर ने कहा कि 'मैं खटीक हूं, उल्टा लटका देते हैं'. जवाब में ग्रामीण उत्तेजित हो गए और कहा कि हम भी गुर्जर समाज के लोग हैं हमारे पास भी लट्ठ है'.

कोटा. बीजेपी विधायक मदन दिलावर (BJP MLA Madan Dilawar) ने वीडियो संदेश जारी कर माना है कि उन्होंने गुस्से में आकर ग्रामीणों से असभ्य भाषा में बोला था. जिले के रामगंजमंडी (Ramgang Mandi) उपखंड क्षेत्र के मंडा गांव में शनिवार को प्रशासन (Administration) गांवों के संग शिविर में ग्रामीणों से हुई तकरार के बाद अब BJP विधायक मदन दिलावर ने सफाई दी है. उन्होंने कहा है कि जिस भाषा का प्रयोग किया गया, वह असभ्य भाषा ( coarse language) थी. मुझे ऐसे शब्दों का प्रयोग नहीं करना चाहिए था.
दरअसल, बीजेपी विधायक मदन दिलावर जब-तब अपने बयानों के कारण सुर्खियों में आ जाते हैं. यह पहली बार नहीं है कि वे विवादों में आए हों. इससे पहले भी बीजेपी विधायक के बयानों ने उन्हें मुश्किल में डाला है.
कहा था, ‘हां मैं खटीक हूं…बकरे काटे हैं’
दिलावर ने कहा कि सरपंच पति, सरपंच के ससुर ने विधायक कोष से पैसा देने की बात कही थी. मैंने उनको समझाया कि मैं पहले ही 11 लाख रुपए दे चुका हूं. एमपी कोष से भी 10 लाख रुपए मिल चुका है. एक विधायक एक पंचायत में इतना पैसा नहीं दे सकता. वो नहीं माने गाली गलौज पर उतर आए. नारेबाजी करने लगे. बेवजह गाली-गलौज करने पर मुझे जरूर गुस्सा आया. मैंने गुस्से में कहा कि, हां मैं खटीक हूं, हमने बहुत लोगों को ठीक किया है, बकरे काटे हैं.
दिलावर ने कहा कि सरपंच पति, सरपंच के ससुर ने विधायक कोष से पैसा देने की बात कही थी. मैंने उनको समझाया कि मैं पहले ही 11 लाख रुपए दे चुका हूं. एमपी कोष से भी 10 लाख रुपए मिल चुका है. एक विधायक एक पंचायत में इतना पैसा नहीं दे सकता. वो नहीं माने गाली गलौज पर उतर आए. नारेबाजी करने लगे. बेवजह गाली-गलौज करने पर मुझे जरूर गुस्सा आया. मैंने गुस्से में कहा कि, हां मैं खटीक हूं, हमने बहुत लोगों को ठीक किया है, बकरे काटे हैं.
मैंने जिन शब्दों का प्रयोग किया वह असभ्य भाषा है
दिलावर ने कहा कि ये शब्द मुझे नहीं कहना चाहिए था. यह असभ्य भाषा है. मुझे पता नहीं था कि सामने वाले किस जाति के है. मैं किसी भी जाति को टारगेट नहीं करता हूं, और कभी करना भी नहीं चाहता. ये यह मेरा स्वभाव नहीं रहा है. लेकिन मैंने जिन शब्दों का प्रयोग किया वह ठीक नहीं था. वो गलत था, इस बात को मैं स्वीकार करता हूं.
दिलावर ने कहा कि ये शब्द मुझे नहीं कहना चाहिए था. यह असभ्य भाषा है. मुझे पता नहीं था कि सामने वाले किस जाति के है. मैं किसी भी जाति को टारगेट नहीं करता हूं, और कभी करना भी नहीं चाहता. ये यह मेरा स्वभाव नहीं रहा है. लेकिन मैंने जिन शब्दों का प्रयोग किया वह ठीक नहीं था. वो गलत था, इस बात को मैं स्वीकार करता हूं.
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