750 विकेट लेने के बावजूद नहीं मिला कभी टीम इंडिया में मौका, बिशन सिंह बेदी ने कहा- वो बेहतर थे, मगर मैं लकी रहा
Agency:News18Hindi
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राजिंदर गोयल (rajinder goel) के नाम घरेलू क्रिकेट में कुल 750 विकेट थे, मगर इसके बावजूद उन्हें टीम इंडिया में मौका नहीं मिला, क्योंकि उस समय बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) टीम का हिस्सा थे.

नई दिल्ली. भारतीय घरेलू दिग्गज राजिंदर गोयल (Rajinder Goel) ने दुनिया को अलविदा कह दिया. अपने 24 साल के करियर में इस गेंदबाज ने कुल 750 विकेट लिए. इतनी प्रतिभा होने के बावजूद भारत के लिए खेलने का उनका सपना अधूरा ही रहा. उन्हें कभी टीम इंडिया में जगह नहीं मिली. इस बारे में उनका मानना था कि वो गलत समय पर पैदा हुए. एक बार एक इंटरव्यू में उन्होंने टीम इंडिया में न चुने जाने को लेकर खुद इस बात को स्वीकार किया था कि मेरी किस्मत में टेस्ट क्रिकेट खेलना नहीं लिखा था. मुझे लगता है कि मैं गलत समय पर पैदा हुआ था. मेरे खेलने के वक्त अलग-अलग जोन से खेलने वाले बाएं हाथ के अच्छे स्पिनर थे. उस समय बिशन सिंह बेदी (Bishan Singh Bedi) को मौका मिलता रहा. यहां तक कि एक मैच से बेदी के बाहर होने के बावजूद गोयल को मौका नहीं मिला.
गोयल के निधन पर बिशन सिंह ने कहा कि गोयल महान स्पिनर थे, मगर उन्हें कभी मौका नहीं मिला. वह उनके निधन की खबर सुनकर दुखी हैं. बेदी ने कहा कि गोयल ने कभी नहीं बताया कि वो कैंसर से लड़ रहे थे. वो ऐसे व्यक्ति थे, जो किसी चीज की शिकायत नहीं करते थे.
प्रतिभा के साथ अन्याय
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बेदी ने कहा कि यह उनकी प्रतिभा के साथ अन्याय था कि 750 फर्स्ट क्लास विकेट लेने के बावजूद उन्हें कभी टीम इंडिया की कैप पहनने का मौका नहीं मिला. मगर गोयल को इसका कोई मलाल नहीं था. वह हमेशा ही संतोष स्वभाव के थे.
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73 साल के इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि लोगों को लगता है कि मेरी वजह से गोयल को टीम इंडिया में जगह नहीं मिल पाई, क्योंकि दोनों ही लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर थे. मगर यह पूरी तरह सच नहीं है. गोयल ने मुझसे पहले क्रिकेट शुरू किया था और मेरे बाद में खत्म किया. बेदी ने कहा कि जब मैंने डेब्यू किया था तो वो मुझसे बेहतर गेंदबाज थे, मगर मैं भाग्यशाली रहा. उन्होंने बताया कि 1974-75 में क्लाइव लॉयड की अगुआई वाली वेस्टइंडीज के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में मुझे अनुशासनात्क कारण के चलते बाहर किया था. उस समय भी गोयल को मौका नहीं दिया. अगर उन्हें मौका दिया गया होता तो भारत वो मैच जीत गया होता.
गोयल के निधन पर बिशन सिंह ने कहा कि गोयल महान स्पिनर थे, मगर उन्हें कभी मौका नहीं मिला. वह उनके निधन की खबर सुनकर दुखी हैं. बेदी ने कहा कि गोयल ने कभी नहीं बताया कि वो कैंसर से लड़ रहे थे. वो ऐसे व्यक्ति थे, जो किसी चीज की शिकायत नहीं करते थे.
प्रतिभा के साथ अन्याय
टाइम्स ऑफ इंडिया से बात करते हुए बेदी ने कहा कि यह उनकी प्रतिभा के साथ अन्याय था कि 750 फर्स्ट क्लास विकेट लेने के बावजूद उन्हें कभी टीम इंडिया की कैप पहनने का मौका नहीं मिला. मगर गोयल को इसका कोई मलाल नहीं था. वह हमेशा ही संतोष स्वभाव के थे.
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73 साल के इस दिग्गज खिलाड़ी ने कहा कि लोगों को लगता है कि मेरी वजह से गोयल को टीम इंडिया में जगह नहीं मिल पाई, क्योंकि दोनों ही लेफ्ट आर्म ऑर्थोडॉक्स स्पिनर थे. मगर यह पूरी तरह सच नहीं है. गोयल ने मुझसे पहले क्रिकेट शुरू किया था और मेरे बाद में खत्म किया. बेदी ने कहा कि जब मैंने डेब्यू किया था तो वो मुझसे बेहतर गेंदबाज थे, मगर मैं भाग्यशाली रहा. उन्होंने बताया कि 1974-75 में क्लाइव लॉयड की अगुआई वाली वेस्टइंडीज के खिलाफ बेंगलुरु टेस्ट में मुझे अनुशासनात्क कारण के चलते बाहर किया था. उस समय भी गोयल को मौका नहीं दिया. अगर उन्हें मौका दिया गया होता तो भारत वो मैच जीत गया होता.
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