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संन्यास लेते ही सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के विरोध में उतरे इरफान पठान, टेस्ट क्रिकेट को लेकर कह दी ये बात

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आईसीसी (ICC) ने हाल ही में चार दिनों के टेस्ट मैच का प्रस्ताव पेश किया है. इसे लेकर कई पूर्व और मौजूदा क्रिकेटरों ने अपनी-अपनी राय जाहिर की है.

संन्यास लेते ही सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली के विरोध में उतरे इरफान पठानसचिन तेंदुलकर ने कहा है कि खेल के लंबे प्रारूप में छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. (फाइल फोटो)
नई दिल्ली. भारतीय क्रिकेट टीम (Indian Cricket Team) के पूर्व कप्तान सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) भी अब उन खिलाड़ियों की जमात में शामिल हो गए हैं, जो आईसीसी (ICC) के चार दिनों के टेस्ट मैच के प्रस्ताव के विरोध में हैं. सचिन तेंदुलकर ने साफ कर दिया है कि टेस्ट क्रिकेट पांच दिनों का ही रहने देना चाहिए. किसी भी तरह का बदलाव बल्लेबाजों को सोचने पर मजबूर कर देगा. खास बात है कि टीम इंडिया के मौजूदा कप्तान विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी पांच दिनों के टेस्ट मैच की ही पैरवी की थी. हालांकि कुछ दिन पहले ही अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट से संन्यास लेने वाले टीम इंडिया के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pathan) ने सचिन और विराट दोनों का विरोध करते हुए चार दिन के टेस्ट मैच की वकालत की है.

आईसीसी (ICC) के चार दिन के टेस्ट मैच के प्रस्ताव पर सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने कहा, 'टेस्ट क्रिकेट (Test Cricket) का प्रशंसक होने के नाते मुझे नहीं लगता कि ये विचार सही है. टेस्ट मैच वैसे ही आयोजित किए जाने चाहिए जैसे कि इतने सालों से आयोजित किए जाते रहे हैं. अगर चार दिनों का टेस्ट होता है तो बल्लेबाज सोचना शुरू कर देंगे कि ये सीमित ओवर प्रारूप का ही एक रूप है. यहां तक कि दूसरे दिन लंच के समय ये ख्याल भी आएगा कि अब सिर्फ ढाई दिनों का खेल बाकी है. इससे खेलने के तरीके से लेकर हर चीज बदल जाएगी.'

सचिन तेंदुलकर और विराट कोहली ने आईसीसी के चार दिन के टेस्ट मैच के प्रस्ताव का विरोध किया है. (फाइल फोटो)


पांचवां दिन स्पिनरों के नाम...
सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) ने साथ ही कहा कि टेस्ट क्रिकेट का पांचवां दिन स्पिनरों के लिए मददगार होता है, उनसे ये अधिकार नहीं छीना जाना चाहिए. सचिन ने कहा, 'स्पिनरों से किसी टेस्ट मैच का पांचवां दिन छीनने का मतलब ऐसा ही है जैसे किसी तेज गेंदबाज से टेस्ट मैच का पहला दिन छीन लिया जाए. दुनिया का कोई भी तेज गेंदबाज ऐसा नहीं है जो टेस्ट के पहले दिन गेंदबाजी न करना चाहे, ठीक उसी तरह कोई स्पिनर भी ऐसा नहीं है जो पांचवें दिन गेंदबाजी न करना चाहे. गेंद पहले दिन स्पिन नहीं होती है, ये पांचवें दिन तक आते-आते घूमती है.'

विराट कोहली की अगुआई में टीम इंडिया ने वर्ल्ड टेस्ट चैंपियनशिप में अभी तक अपने सातों मैच जीते हैं. (फाइल फोटो)


विराट भी कर चुके हैं चार दिन के टेस्ट का विरोध
इससे पहले भारतीय कप्तान (Indian Captain) विराट कोहली (Virat Kohli) ने भी चार दिन के टेस्ट के प्रस्ताव को खारिज कर दिया था. कोहली ने कहा था, ‘मेरे हिसाब से, इसमें कोई छेड़छाड़ नहीं की जानी चाहिए. जैसा कि मैंने कहा कि दिन-रात्रि मुकाबला टेस्ट क्रिकेट के व्यावसायीकरण की तरफ एक और कदम है. इसके लिए रोमांच पैदा करना अलग बात है लेकिन इसमें ज्यादा छेड़छाड़ नहीं की जा सकती.’उन्होंने कहा, ‘आप सिर्फ दर्शकों की संख्या, मनोरंजन और ऐसी ही कुछ दूसरी बातें कर रहे हो. मुझे लगता है कि फिर आपका इरादा सही नहीं होगा क्योंकि फिर आप तीन दिवसीय टेस्ट की बात करोगे. मेरा मतलब है कि यह सब कहां खत्म होगा. फिर आप कहोगे कि टेस्ट क्रिकेट खत्म हो रहा है.’

सचिन तेंदुलकर के साथ ही विराट कोहली ने भी कहा है कि वे टेस्ट प्रारूप में किसी तरह के बदलाव के पक्ष में नहीं हैं. (फाइल फोटो)


सचिन-विराट से अलग है इरफान पठान की राय
हाल ही में अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट (International Cricket) को अलविदा कहने वाले टीम इंडिया (Team India) के पूर्व ऑलराउंडर इरफान पठान (Irfan Pathan) आईसीसी (ICC) के प्रस्ताव के समर्थन में हैं. उन्होंने कहा कि मैं लंबे समय से चार दिन के टेस्ट मैच के समर्थन में हूं. हम रणजी ट्रॉफी (Ranji Trophy) में चार दिनों के टेस्ट मैच खेलते हैं और हमें नतीजे भी मिलते हैं, तो हम अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट में ऐसा क्यों नहीं कर सकते.

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