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यूपी से राज्यसभा सांसद अरुण जेटली की रायबरेली के गांव को लेकर थी ये अंतिम इच्छा

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पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी (BJP) के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) का शनिवार को दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया.

अरुण जेटली की रायबरेली के गांव को लेकर थी ये अंतिम इच्छापूर्व वित्त मंत्री अरुण जेटली ने रायबरेली के गांव में हाईमास्ट लगाने को लेकर जातई थी अंतिम इच्छा
पूर्व वित्त मंत्री और बीजेपी (BJP) के वरिष्‍ठ नेता अरुण जेटली (Arun Jaitley) का शनिवार को दिल्‍ली के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) में लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. अरुण जेटली काफी समय से एक के बाद एक बीमारी से लड़ रहे थे. अरुण जेटली के निधन के बाद उत्तर प्रदेश में शोक की लहर फैल गई है. सत्ता पक्ष और विपक्ष के तमाम नेता दिल्ली रवाना हो रहे हैं. अरुण जेटली उत्तर प्रदेश से ही राज्यसभा सांसद चुने गए थे. उनके सांसद प्रतिनिधि हीरो वाजपेई ने अरुण जेटली की अंतिम इच्छा के बारे में बताया है.

हीरो बाजपेई ने बताया कि 20 जुलाई को हुई मुलाकात में जेटली जी ने इच्छा व्यक्त की थी कि सांसद निधि से रायबरेली के गांवों में 216 हाईमास्ट लाइट लगनी है. हीरो बाजपेई ने कहा कि वह इच्छा के अनुसार इस दीपावली से पहले ये 216 हाईमास्ट लाइट लगवा देंगे.

राज्यसभा चुनाव के लिए पर्चा दाखिल करने के दौरान अरुण जेटली.


जब लखनऊ में अरुण जेटली ने पढ़ाया था विपक्ष की भूमिका का पाठ

वैसे अरुण जेटली के लखनऊ से जुड़ी कई यादें भी अब लोगों की जुबान पर हैं. एक वरिष्ठ पत्रकार के अनुसार बात 2009 की है. लोकसभा चुनाव में यूपीए ने जीत हासिल कर फिर से सरकार बना ली थी. इसी दौरान एक कार्यक्रम में शामिल होने अरुण जेटली लखनऊ पहुंचे. यहां मीडिया ने उन्हें घेर लिया. इस दौरान जब नई सरकार के काम को लेकर कुछ पत्रकारों ने सवाल किए तो अरुण जेटली ने उन्हें विपक्ष की भूमिका याद दिलाई. उन्होंने कहा कि नई सरकार को कम से कम 6 महीने का समय दिया ही जाना चाहिए. विपक्ष काम हमेशा हमले करने का नहीं है. हम यूपीए-2 सरकार के कामकाज को देखेंगे और 6 महीने बाद इस क्या करना है? तय करेंगे. अरुण जेटली की इस बात से उनकी राजनीतिक समझ का अंदाजा लगाया जा सकता है.

बीजेपी प्रवक्ता और अरुण जेटली के सांसद प्रतिनिधि हीरो बाजपेई


मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने के लिए लिखा था पत्र

बता दें कुछ दिन पहले ही अरुण जेटली को सांस लेने में दिक्‍कत के कारण AIIMS में भर्ती कराया गया था. पिछले कुछ दिनों से उनकी स्थिति स्थिर बताई जा रही थी. बता दें कि जेटली काफी समय से एक के बाद एक बीमारी से लड़ रहे थे. इसी के चलते उन्‍होंने लोकसभा चुनाव, 2019 में बीजेपी को मिली प्रचंड जीत के बाद पीएम नरेंद्र मोदी को पत्र लिखकर मंत्रिमंडल में शामिल नहीं करने का आग्रह किया था.

जेटली ने पत्र में लिखा था कि 18 महीने से मेरा स्‍वास्‍थ्‍य खराब चल रहा है. मैंने चुनाव प्रचार की सभी जिम्‍मेदारियों को निभाया. अब अपनी सेहत और इलाज पर ध्‍यान देना चाहता हूं. दरअसल, उन्‍हें अप्रैल, 2017 में एम्स में भर्ती कराया गया था, जहां वह डायलसिस पर थे. इसके बाद 14 मई, 2018 को दिल्ली के एम्स में उनका किडनी ट्रांसप्‍लांट हुआ. उनकी गैरमौजूदगी में रेल मंत्री पीयूष गोयल को वित्त मंत्रालय की अतिरिक्त जिम्मेदारी सौंपी गई थी. इसके बाद जेटली ने 23 अगस्त, 2018 को फिर वित्त मंत्रालय की जिम्‍मेदारी संभाल ली.

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