मेरठ से दिल्ली आता था ऑन डिमांड वाहन चुराने, व्हाट्सअप पर ऐसे मिलता था मैसेज
Agency:News18Hindi
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डिमांड पर वाहन चुराने के लिए मेरठ से दिल्ली आता था. व्हाट्सअप पर उसे वाहन की डिमांड मिलती थी. चोर के मोबाइल में मिली वाहन की डिमांड को पढ़कर पुलिस भी हैरान है.

गाज़ियाबाद पुलिस ने एक वाहन चोर को गिरफ्तार किया है. उसके कब्जे से आठ चोरी के दोपहिया वाहन मिले हैं. खास बात ये है कि चोर ऑन डिमांड चोरी करता था. डिमांड पर वाहन चुराने के लिए मेरठ से दिल्ली आता था. व्हाट्सअप पर उसे वाहन की डिमांड मिलती थी. चोर के मोबाइल में मिली वाहन की डिमांड को पढ़कर पुलिस भी हैरान है.
गाज़ियाबाद पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी शाहिद के मोबाइल में वाहनों की डिमांड के बारे में चैट मिली है. जब बाइक की डिमांड के संबंध में की गई चैट पढ़ी तो वो कुछ इस तरह से थी. एक स्पलेंडर चाहिए. 2017-18 मॉडल चलेगी. रंग लेकिन ग्रे होना चाहिए. गाड़ी पर ज्यादा दाग न हो. और हां एलॉय व्हील हों. गाड़ी दो-तीन दिन में ही चाहिए. जल्दी ही भेजनी है कहीं.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि इसके बाद वो दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय हो जाता था. खासतौर से दिल्ली के भीड़भाड़ वाले बाज़ार, हॉस्पिटल और कॉलोनियों में खड़े वाहन को वह निशाना बनाता था. जैसे ही डिमांड के अनुसार वाहन मिलता था तो उसे तुरंत चोरी किया था. अगर मौका नहीं लगता था तो वहीं आसपास घूमकर मौके की तलाश में रहता था.
लेकिन वाहन हाथ में आते ही मेरठ के लिए रवाना हो जाता था. मेरठ के सोती बाज़ार में एक मित्र कबाड़ का काम करता है. उसी की डिमांड पर वाहन चोरी किए जाते थे. कुछ ही साल में वह अब तक करीब एक हजार से अधिक वाहन चुरा चुका है.
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गाज़ियाबाद पुलिस सूत्रों के अनुसार आरोपी शाहिद के मोबाइल में वाहनों की डिमांड के बारे में चैट मिली है. जब बाइक की डिमांड के संबंध में की गई चैट पढ़ी तो वो कुछ इस तरह से थी. एक स्पलेंडर चाहिए. 2017-18 मॉडल चलेगी. रंग लेकिन ग्रे होना चाहिए. गाड़ी पर ज्यादा दाग न हो. और हां एलॉय व्हील हों. गाड़ी दो-तीन दिन में ही चाहिए. जल्दी ही भेजनी है कहीं.
आरोपी ने पुलिस को बताया कि इसके बाद वो दिल्ली-एनसीआर में सक्रिय हो जाता था. खासतौर से दिल्ली के भीड़भाड़ वाले बाज़ार, हॉस्पिटल और कॉलोनियों में खड़े वाहन को वह निशाना बनाता था. जैसे ही डिमांड के अनुसार वाहन मिलता था तो उसे तुरंत चोरी किया था. अगर मौका नहीं लगता था तो वहीं आसपास घूमकर मौके की तलाश में रहता था.
लेकिन वाहन हाथ में आते ही मेरठ के लिए रवाना हो जाता था. मेरठ के सोती बाज़ार में एक मित्र कबाड़ का काम करता है. उसी की डिमांड पर वाहन चोरी किए जाते थे. कुछ ही साल में वह अब तक करीब एक हजार से अधिक वाहन चुरा चुका है.
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