बॉलीवुड का वो फेमस हीरो, जो एक वीक में बंगला-कार पाकर बन गया सबसे अमीर, और फिर एक झटके में बीच सड़क पर आया
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Agency:News18India
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भारतीय सिनेमा में सुपर स्टार्स की सक्सेस और गुमनामी के कई किस्से हैं. और यहां हम एक ऐसे अभिनेता के बारे में बात कर रहे हैं जिसे सबसे अमीर हीरो का टैग मिला था लेकिन बाद में उसकी जिंदगी के आखिरी दिन ऐसे गुजरे कि जिसकी उसने कल्पना भीन होगी. व सिर्फ एक अभिनेता बल्कि एक जाना- माना कॉमेडियन भी रहा, जिसके पास बहुत पैसा था. लेकिन, किस्मत ने उन्हें ऐसा धोखा दिया कि जिंदगी के आखिरी दिन उन्हें चॉल में रहकर गुजारने पड़े.,

फिल्मी दुनिया में किस्मत कब चमकेगी और कब गायब हो जाएगी, यह कोई नहीं जानता. क्योंकि सिनेमा, जो अरबों डॉलर देता है, वो सब छीन भी लेगा. भारतीय फिल्म उद्योग में इसके कई उदाहरण हैं. इसका एक उदाहरण अभिनेता भगवान दादा हैं, जिन्हें बॉलीवुड का भगवान कहा जाता है.

भगवान दादा एक प्रतिभाशाली अभिनेता, निर्देशक और निर्माता जिन्होंने 1940 और 1950 के दशक में हिंदी फिल्म जगत में एक साथ कई भूमिकाएं निभाईं. भगवान दादा का जन्म महाराष्ट्र के अमरावती में एक कपड़ा मिल मजदूर के बेटे के रूप में हुआ था.
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वे रेसलिंग कम्यूनिटी के बीच भगवान दादा के नाम से मशहूर थे और इसी नाम से वे फिल्मी दुनिया में भी मशहूर हुए. मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, वे अपने पिता की तरह मुंबई की टैक्सटाइल मिल में काम करते थे, लेकिन फिल्मस्टार बनने का सपना देखते थे.

उन्होंने अपने शुरुआती दिनों में मजदूरी का काम किया और छोटी उम्र से ही अभिनय में उनकी दिलचल्पी थी. इस तरह फिल्म 'क्रिमिनल' से हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में डेब्यू करने वाले अभिनेता भगवान दादा ने 'फहद' और 'किसान' जैसी सफल फिल्मों में काम किया.

उन्होंने मूक फिल्म युग के दौरान अभिनय करना शुरू किया और एक समय पर स्वयं फिल्मों का निर्देशन और निर्माण भी किया. 1951 में उनकी निर्देशित और अभिनीत फिल्म 'अलबेला' बॉक्स ऑफिस पर हिट रही और खूब कमाई की. इससे काफी धन कमाने वाले भगवान दादा ने एम.के. राव स्टारर 'वनमोहिनी' नाम की एक तमिल फिल्म राधा और थावमणि देवी का भी निर्देशन किया था.
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ऐसा कहा जाता है कि अमिताभ बच्चन, गोविंदा और मिथुन चक्रवर्ती जैसे प्रमुख अभिनेताओं ने उनके डांस की नकल की थी. भारत के पहले एक्शन स्टार माने जाने वाले वे अपने व्यस्त करियर के दौरान सबसे अधिक फीस पाने वाले अभिनेता थे.

वो एक शानदार जीवन जीते थे, उनके पास 7 लग्जरी कारें थीं, सप्ताह में हर दिन एक, और मुंबई के जुहू इलाके में 25 कमरों वाला एक आलीशान बंगला था, हालांकि, जब किशोर कुमार अभिनीत फिल्म 'हेंसे रहना' बीच में ही बंद 'कर दी गई, तो उन्हें अपनी सारी संपत्ति बेचने पर मजबूर होना पड़ा.
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