मुगल काल पर बनीं 10 धांसू फिल्में, 2 आजादी से पहले हुईं रिलीज, चौथी को बनाने में लगे थे 16 साल!
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10 Bollywood Movies on Mughal Era: बॉलीवुड का मुगल काल से बड़ा गहरा लगाव है. फिल्म मेकर्स ने मुगलों के दौर की कहानियों पर एक से बढ़कर एक फिल्में बनाई हैं. 'मुगल-ए-आजम' जैसी कुछ फिल्मों को कल्ट का दर्जा हासिल है. आइए, मुगल काल पर बनी 10 बॉलीवुड फिल्मों और उनसे जुड़े रोचक तथ्यों के बारे में जानते हैं.

नई दिल्ली: दिलीप कुमार (Dilip Kumar) की 'मुगल-ए-आजम' से पहले भी बॉलीवुड फिल्म मेकर्स ने मुगल काल के इतिहास और किस्से-कहानियों से प्रेरित होकर बड़ी दिलचस्प फिल्में बनाई थीं, जिनमें से दो फिल्में आजादी से पहले रिलीज हुई थीं.

'तानसेन' फिल्म 1943 में रिलीज हुई थी, जो अकबर के नवरत्नों में एक तानसेन की जिंदगी पर बनी है, जिनकी प्रेमिका अकबर के जन्मदिन पर जब उनसे मिलने चली आती है, तो तानसेन मुश्किल परिस्थिति में फंस जाते हैं.
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फिल्म हुमायूं आजादी से पहले 1945 में रिलीज हुई थी जो बाबर के बेटे हुमायूं की जिंदगी पर आधारित है. फिल्म बताती है कि सम्राट के साम्राज्य को किस तरह की चनौतियों का सामना करना पड़ा था. फिल्म में हमीदा बानो के साथ उनकी प्रेम कहानी भी दिखाई गई है.

फिल्म अनारकली 1953 में रिलीज हुई थी, जिसकी कहानी राजकुमार सलीम के इर्द-गिर्द बुनी गई है, जिन्हें एक नर्तकी से प्यार हो जाता है, लेकिन सम्राट दोनों के मिलन के विरुद्ध थे.

दिलीप कुमार की फिल्म 'मुगल-ए-आजम' हिंदी सिनेमा के इतिहास की बेहतरीन फिल्म है जो 1960 में रिलीज हुई थी. फिल्म में सलीम और अनारकली की मोहब्बत को बड़ी खूबसूरती से पर्दे पर दिखाया गया है. कहते हैं कि फिल्म को बनाने में 16 साल लगे थे. इसे कल्ट का दर्जा प्राप्त है.
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1963 में 'ताज महल' नाम से फिल्म रिलीज हुई, जिसमें बीना राय, प्रदीप कुमार, वीना और हेलेन ने लीड रोल निभाया था. इसी नाम से 2005 में एक फिल्म रिलीज हुई थी, जो शाहजहां और मुमताज की मोहब्बत को बयां करती है.
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साल 2008 में आई फिल्म 'जोधा अकबर' काफी लोकप्रिय है, जिसमें ऋतिक रोशन ने अकबर और ऐश्वर्या राय ने जोधा का रोल निभाया है. इसके अलावा, 'बैजू बावरा' फिल्म में नौजवान संगीतकार की कहानी को दिखाया गया है, जिसने अकबर के दरबार के मशहूर संगीतकार तानसेन को चुनौती दी थी. जो अपने पिता के निधन का बदला लेना चाहता था. 'वारिस शाह: इश्क दा वारिस' साल 2006 में रिलीज हुई थी जो उस वक्त की बात करती है जब औरंगजेब ने देशभर में संगीत में पाबंदी लगा दी थी.
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