किसानों की किस्मत बदल सकती है ये मिट्टी, सुरहा ताल की ताकत देख एक्सपर्ट भी रह गए दंग, जानें कारण
Beneficial Soil: सुरहा ताल, बलिया की मिट्टी में अद्वितीय गुण हैं जो कृषि और रोजगार के नए अवसर प्रदान कर सकते हैं. प्रो. अशोक कुमार सिंह के अनुसार, यह मिट्टी जैविक खाद से भरपूर है और फसल की पैदावार बढ़ाने में सक्षम है.

सनन्दन उपाध्याय/बलिया: उत्तर प्रदेश के बलिया जिले में स्थित सुरहा ताल सिर्फ एक प्राकृतिक झील नहीं, बल्कि संभावनाओं का खजाना है. यहां की मिट्टी में छुपा है ऐसा रहस्य, जिसने विशेषज्ञों को भी हैरान कर दिया है. वैज्ञानिक शोध में सामने आया है कि सुरहा ताल की मिट्टी में इतने गुण हैं कि यह पूरे जिले की आर्थिक तस्वीर बदल सकती है. यह मिट्टी सिर्फ उपजाऊ ही नहीं, बल्कि रोजगार के नए द्वार खोलने की भी क्षमता रखती है. सुरहा ताल अब पर्यटन और प्राकृतिक सौंदर्य के अलावा, आर्थिक समृद्धि की नई पहचान बनकर उभर रहा है.
श्री मुरली मनोहर टाउन स्नातकोत्तर महाविद्यालय, बलिया के मृदा विज्ञान एवं कृषि रसायन विभाग के विभागाध्यक्ष प्रो. अशोक कुमार सिंह के अनुसार, सुरहा ताल एक प्राकृतिक रूप से सुव्यवस्थित जलस्रोत है, जो गंगा और घाघरा दोनों नदियों से जुड़ा हुआ है. यहां लंबे समय तक जलभराव रहने के कारण जल स्तर घटते ही कई प्रकार की जड़ी-बूटियां और घास-फूस धीरे-धीरे सड़ने लगती हैं, जिससे मिट्टी प्राकृतिक रूप से उच्च गुणवत्ता वाली जैविक खाद में परिवर्तित हो जाती है. उनकी टीम की ओर से किए गए शोध में यह स्पष्ट हुआ है कि सुरहा ताल की मिट्टी कृषि के लिए किसी वरदान से कम नहीं है.
इस मिट्टी के आगे फेल है महंगी से महंगी खाद…
इस अद्भुत मिट्टी में वे सभी गुण मौजूद हैं जो किसानों के लिए अत्यंत लाभकारी सिद्ध हो सकते हैं. शोध के अनुसार, सतह से करीब दो फीट नीचे की मिट्टी इतनी उपजाऊ होती है कि यह किसी भी रासायनिक खाद की बराबरी कर सकती है. यदि इस मिट्टी को सुखाकर पाउडर के रूप में खेतों में डाला जाए, तो अलग से किसी खाद की आवश्यकता नहीं पड़ती. यह मिट्टी प्राकृतिक रूप से इतनी समृद्ध है कि फसल की पैदावार बढ़ाने के साथ-साथ मिट्टी की सेहत भी बरकरार रखती है.
अनेकों पोषक तत्वों से भरपूर हैं यहां की मिट्टी…
शोध में यह भी सामने आया है कि सुरहा ताल की मिट्टी में जैविक कार्बन की मात्रा लगभग 3.5% है, जो इसे अत्यंत उपजाऊ बनाती है. यही नहीं, इसमें नाइट्रोजन, फास्फोरस, पोटेशियम और गंधक जैसे प्रमुख पोषक तत्व भरपूर मात्रा में पाए जाते हैं. इस मिट्टी की विशेषता यह है कि यह पोषक तत्वों को एक स्थान से दूसरे स्थान तक स्थानांतरित करने में भी सक्षम है, जिससे फसल को आवश्यक तत्व आसानी से मिल पाते हैं. इसके अलावा इसमें लोहा, जस्ता, तांबा, मैग्नीशियम और मैंगनीज जैसे सूक्ष्म पोषक तत्व भी मौजूद हैं, जिनकी मात्रा गोबर की खाद से किसी भी तरह कम नहीं है.
रोजगार का सुनहरा मौका…
सुरहा ताल की यह वरदान स्वरूप मिट्टी यदि व्यवस्थित रूप से खाद के रूप में विकसित की जाए, तो यह बलिया जनपद के लिए एक बड़े रोजगार का सशक्त माध्यम बन सकती है. विशेषज्ञों का मानना है कि ताल की मिट्टी को सतह से दो फीट तक काटकर पाउडर के रूप में तैयार किया जाए और उसे पॉलिथीन पैक में किसानों को उपलब्ध कराया जाए, तो उन्हें स्वच्छ, जैविक और कम लागत वाली खाद आसानी से मिल सकती है. इससे न सिर्फ कृषि की गुणवत्ता और उत्पादकता में वृद्धि होगी, बल्कि स्थानीय स्तर पर बड़े पैमाने पर रोजगार के अवसर भी उत्पन्न होंगे. यह पहल बलिया को जैविक खेती के हब के रूप में स्थापित कर सकती है.