ISI के नए चीफ के जरिए भारत के खिलाफ कौन सी चाल चल रहा पाकिस्तान?
कट्टर माने जाने वाले फैज हमीद को चुना जाना हैरान करने वाला फैसला है, क्योंकि आसिम मुनीर को पद संभाले हुए महज 8 महीने ही हुए थे, जबकि आमतौर पर आईएसआई के चीफ का कार्यकाल 3 साल का होता है.
पाकिस्तान आर्मी ने हाल के दिनों में कई बड़े बदलाव किए हैं. लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद को अब इंटर सर्विसेज इंटेलिजेंस (ISI) का नया डायरेक्टर जनरल अपॉइंट किया है. उन्हें लेफ्टिनेंट जनरल आसिम मुनीर की जगह पर अपॉइंट किया गया है. कट्टर माने जाने वाले फैज हमीद को चुना जाना हैरान करने वाला फैसला है, क्योंकि आसिम मुनीर को पद संभाले हुए महज 8 महीने ही हुए थे. बता दें कि आमतौर पर आईएसआई के चीफ का कार्यकाल 3 साल का होता है. ऐसे में बड़ा सवाल ये है कि पाकिस्तान ने ऐसा क्यों किया? क्या फैज हामिद के आईएसआई चीफ बनने से भारत और दुनिया के अन्य देश प्रभावित होंगे?

अंग्रेजी अखबार 'द इंडियन एक्सप्रेस' की रिपोर्ट के मुताबिक, बतौर आईएसआई चीफ फैज हामिद की नियुक्ति को जम्मू-कश्मीर में एक आतंकवादी हमले के बारे में तैयारी के रूप में देखा जा रहा है.
वैसे पाकिस्तान के संविधान के मुताबिक, प्रधानमंत्री आर्मी चीफ के सलाह-मशवरा से आईएसआई चीफ अपॉइंट करते हैं, लेकिन असल में आर्मी ही इसका फैसला करती है कि आईएसआई का चीफ कौन बनेगा. प्रधानमंत्री को बस आर्मी के फैसले पर सहमति जतानी पड़ती है. फैज़ हामिद के केस में कहा जाए, तो वह आर्मी का फेवरेट रहा है, इसलिए उसे आईएसआई चीफ की जिम्मेदारी मिली.
ISI का नया चीफ लेफ्टिनेंट जनरल फैज हामिद (AP)
बता दें कि आईएसआई डीजी (महानिदेशक) की जवाबदेही सिर्फ आर्मी चीफ के प्रति होती है. आर्मी चीफ के बाद आईएसआई डीजी को पाकिस्तान सेना में दूसरे नंबर का अधिकारी माना जाता है. ऐसे में साफ है कि पाकिस्तान आर्मी आईएसआई के साथ मिलकर कुछ बड़ा प्लान कर रही है.
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आर्थिक संकट का सामना कर रहा है पाकिस्तान
इन दिनों प्रधानमंत्री इमरान खान के नेतृत्व में पाकिस्तान आर्थिक संकट का सामने कर रहा है. यहां महंगाई की दर आसमान छू रही है. ऐसे में पाकिस्तान आर्मी ने आर्थिक संकट से निपटने के लिए कदम बढ़ाया है. पाकिस्तान के दैनिक अखबार 'द न्यूज़' की रिपोर्ट के मुताबिक, इमरान सरकार जल्द ही आर्थिक सुरक्षा परिषद का गठन करने जा रहे हैं. इसमें आर्मी चीफ जनरल कमर जावेद बाजवा को सदस्य बनाया जा रहा है. इमरान सरकार का इस फैसले के पीछे आर्मी चीफ का ही दिमाग है.
भारत के लिए खतरा
आर्मी से जुड़े कट्टरपंथी विचारधारा के फैज हमीद को आईएसआई का मुखिया बनाए जाने से साफ है कि उसकी पकड़ पाकिस्तानी सत्ता प्रतिष्ठानों पर मजबूत है. पाकिस्तान में आईएसआई के मुखिया का पद खासा ताकतवर माना जाता है. एजेंसी पर लंबे समय से आतंकियों को पनाह देने और उनके जरिए भारत के खिलाफ गोरिल्ला वॉर छेड़ने के आरोप लगते रहे हैं. अफगानिस्तान तालिबान और अन्य आतंकी संगठनों के बढ़ावे देने के आरोप भी उस पर लगे हैं. ऐसे में एक कट्टरपंथी को आईएसआई का चीफ बनाए जाने से भारत के लिए खतरा है.
आईएसआई के हेड के तौर पर फैज हामिद भारत के साथ रिश्ते समेत पाकिस्तान की विदेश नीतियों को प्रभावित करेगा. वहीं, अपने हितों की रक्षा के लिए पाकिस्तान अमेरिका और तालिबान के साथ 'अफगान शांति वार्ता' को भी बढ़ाना चाहेगा.
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क्या जैश-लश्कर की ताकत बढ़ाएगा फैज हामिद?
भारत के नज़रिए से ये देखने वाली बात होगी कि आईएसआई का नया चीफ फैज हामिद दो आंतकी संगठनों जैश-ए-मोहम्मद और लश्कर-ए-तैयबा/जमात-उद-दावा के साथ कैसे डील करता है, क्योंकि भारत हमेशा से ही इन दोनों आतंकी संगठनों के निशाने पर रहा है. साथ ही जैश सरगना मसूद अज़हर और लश्कर चीफ हाफिज़ सईद को लेकर भी उसका क्या स्टैंड रहेगा. ये भी देखने वाली बात होगी.
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