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महागठबंधन में 'फूट' के बीच तीसरे मोर्चे की कवायद, पप्पू ने मांझी को दिया नेतृत्व का ऑफर

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पूर्व सांसद पप्पू यादव ने जीतन राम मांझी से उनके सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि दोनों नेता करीब दो घंटे तक एक साथ बैठे और आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत की.

मांझी-कन्हैया के साथ तीसरे मोर्चे की कवायद में जुटे पप्पू15 अगस्त को पप्पू यादव और जीतन राम मांझी की मुलाकात से बड़ी सियासी सरगर्मी
क्या बिहार में आरजेडी (RJD) को एक और झटका लगने जा रहा है? क्या प्रदेश में थर्ड फ्रंट (Third Front) स्वरूप लेने लगा है? क्या आने वाले चुनाव में एनडीए (NDA) के सामने बिखरा हुआ विपक्ष होगा? दरअसल ये सवाल हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा (Hindustani Awam Morcha) के अध्यक्ष जीतन राम मांझी (Jitan ram  manjhi) और जन अधिकार पार्टी ( Jan Adhikar Party) के अध्यक्ष एवं पूर्व सांसद पप्पू यादव (Pappu Yadav) की मुलाकात के बाद उठ रहे हैं. इसके साथ ही पप्पू यादव और सीपीआई के कन्हैया कुमार (Kanhaiya Kumar) के बीच मुलाकात ने तीसरे मोर्चे वाली राजनीतिक चर्चा को और जोर दे दिया है.

दरअसल पूर्व सांसद पप्पू यादव ने जीतन राम मांझी से उनके सरकारी आवास पर जाकर मुलाकात की है. बताया जा रहा है कि दोनों नेता करीब दो घंटे तक एक साथ बैठे और आने वाले विधानसभा चुनाव को लेकर बातचीत की. जानकारी के अनुसार पप्पू यादव ने पूर्व सीएम मांझी को तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करने का ऑफर देते हुए कहा कि वे नया बिहार बनाने के लिए आगे आएं.

पप्पू यादव ने जीतन राम मांझी को प्रस्तावित तीसरे मोर्चे का नेतृत्व करने का ऑफर दिया.


बताया जा रहा है कि गैर एनडीए और बगैर आरजेडी के इस प्रस्तावित विकल्प में जेएनयू छात्र संघ के पूर्व अध्यक्ष और सीपीआई के नेता कन्हैया कुमार को भी शामिल करने को लेकर भी बातचीत हुई. पप्पू यादव ने कहा कि मांझी और कन्हैया के साथ ही बिहार के लिए बेहतर विल्कप की संभावना बनेगी.पप्पू यादव और कन्हैया कुमार की भी इस मुद्दे पर मुलाकात हो चुकी है.

जाप के दफ्तर में कन्हैया कुमार और पप्पू यादव की मुुलाकात


दरअसल पप्पू यादव लोकसभा चुनाव के पहले से ही तीसरे मोर्चे की कवायद में लगे हैं. हालांकि लोकसभा चुनाव के दौरान यह संभव नहीं हो पाया, लेकिन इस चुनाव में महागठबंधन की करारी हार के बाद राजनीति के इस विकल्प पर आगे बढ़ने की कवायद में लगे हैं.

उनका कहना है कि मांझी, कन्हैया और ऐसे सभी लोग अगर बिहार को नेतृत्व देते हैं तो हम साथ देने को तैयार हैं. वे यह भी कहते हैं कि अगर कांग्रेस नेतृत्व करे तो साथ मिलकर बिहार में नये विकल्प की तलाश की जा सकती है.

इनपुट- अमित कुमार सिंह

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