मोदी कैबिनेट में JDU नहीं, विपक्ष का तंज- फंस गए नीतीश
Agency:News18 Bihar
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आरजेडी का कहना है कि ये तो वही हुआ कि भोज के पहले ही कौर में मक्खी मिल गई. कम हैसियत वाली एलजेपी और बड़े भाई की भूमिका वाले जेडीयू को बीजेपी बराबर तौल रही है.

मोदी सरकार 2.0 की कैबिनेट में जेडीयू ने शामिल होने से इनकार कर दिया. सीएम नीतीश कुमार ने साफ किया कि उन्हें सांकेतिक भागीदारी को कहा गया था, जिसे जेडीयू नेताओं ने नहीं माना और सरकार से बाहर रहने का फैसला किया. उन्होंने यह भी कहा कि एनडीए में उनकी पार्टी काफी मजबूती से है और बिहार में साथ सरकार भी चला रहे हैं. जाहिर है सरकार से बाहर रहने की जेडीयू की अपनी वजहें हैं, लेकिन विपक्ष ने इस मुद्दे को हाथों-हाथ लिया है.
कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जेडीयू का मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होना शपथ ग्रहण में ग्रहण लगने जैसा है. नीतीश कुमार भाजपा के साथ असहज हैं और यह भाजपा का अहंकार भी बता रहा है.
मिश्रा ने कहा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. हमें दुःख है कि नीतीश जी जिस उत्साह से पाला बदलकर बीजेपी के साथ गए थे, बीजेपी ने उनको अंडर स्टीमेट किया.
कम हैसियत वाली एलजेपी और बड़े भाई जेडीयू बराबर: आरजेडी
वहीं आरजेडी का कहना है कि ये तो वही हुआ कि भोज के पहले ही कौर में मक्खी मिल गई. कम हैसियत वाली एलजेपी और बड़े भाई की भूमिका वाले जेडीयू को बीजेपी बराबर तौल रही है.
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बीजेपी ने कहा, छह सांसदों वाली एलजेपी और 16 सांसदों वाले जेडीयू को एक ही तराजू पर तौल दिया. यह अंधेर नगरी वाली बात हो गई.
'नीतीश को हुआ ये एहसास...'
आरजेडी नेता ने कहा कि एक दिन पहले ही नीतीश कुमार की अमित शाह से मुलाकात हुई थी, लेकिन चाय पर सिर्फ एक सांसद को बुलाया गया. प्रचंड जीत की गर्मी और बीजेपी के बदले रुख से नीतीश कुमार को अहसास हो गया कि बाद में उन्हें कहां-कहां झुकना पड़ सकता है.
हालांकि शिवानंद तिवारी ने जेडीयू के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि नीतीश कुमार का यह फैसला सही भी है. अगर नीतीश जी यहां समझौता करते तो शायद 2020 तक बीजेपी के सामने उन्हें बहुत सहना पड़ता.
वहीं हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बीजेपी अपने अहंकार की वजह से नीतीश कुमार को नीचा दिखा रही है.
इनपुट- अमित कुमार सिंह
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कांग्रेस प्रवक्ता प्रेमचंद्र मिश्रा ने कहा कि जेडीयू का मंत्रिपरिषद में शामिल नहीं होना शपथ ग्रहण में ग्रहण लगने जैसा है. नीतीश कुमार भाजपा के साथ असहज हैं और यह भाजपा का अहंकार भी बता रहा है.
मिश्रा ने कहा कि बीजेपी ने नीतीश कुमार के साथ अच्छा व्यवहार नहीं किया. हमें दुःख है कि नीतीश जी जिस उत्साह से पाला बदलकर बीजेपी के साथ गए थे, बीजेपी ने उनको अंडर स्टीमेट किया.
कम हैसियत वाली एलजेपी और बड़े भाई जेडीयू बराबर: आरजेडी
वहीं आरजेडी का कहना है कि ये तो वही हुआ कि भोज के पहले ही कौर में मक्खी मिल गई. कम हैसियत वाली एलजेपी और बड़े भाई की भूमिका वाले जेडीयू को बीजेपी बराबर तौल रही है.
आरजेडी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष शिवानंद तिवारी ने बीजेपी ने कहा, छह सांसदों वाली एलजेपी और 16 सांसदों वाले जेडीयू को एक ही तराजू पर तौल दिया. यह अंधेर नगरी वाली बात हो गई.
'नीतीश को हुआ ये एहसास...'
आरजेडी नेता ने कहा कि एक दिन पहले ही नीतीश कुमार की अमित शाह से मुलाकात हुई थी, लेकिन चाय पर सिर्फ एक सांसद को बुलाया गया. प्रचंड जीत की गर्मी और बीजेपी के बदले रुख से नीतीश कुमार को अहसास हो गया कि बाद में उन्हें कहां-कहां झुकना पड़ सकता है.
हालांकि शिवानंद तिवारी ने जेडीयू के फैसले को सही ठहराते हुए कहा कि नीतीश कुमार का यह फैसला सही भी है. अगर नीतीश जी यहां समझौता करते तो शायद 2020 तक बीजेपी के सामने उन्हें बहुत सहना पड़ता.
वहीं हिन्दुस्तानी अवाम मोर्चा के राष्ट्रीय प्रवक्ता दानिश रिजवान ने कहा कि बीजेपी अपने अहंकार की वजह से नीतीश कुमार को नीचा दिखा रही है.
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