कैरी बैग के लिए 13 रुपए वसूलना Domino’s को पड़ा भारी, कोर्ट ने लगाया 10 लाख जुर्माना
Agency:News18 Haryana
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कमिशन ने डोमिनोज को चार लाख 90 हजार रुपए पीजीआई के पेशेंट वेलफेयर फंड में देने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही 10 हजार रुपए कमिशन को देने के साथ-साथ शिकायतकर्ता को 1500 रुपए देने के भी निर्देश दिए. स्टेट कमीशन ने दो मामलों में अलग-अलग ये आदेश जारी किए हैं
डोमिनोज को कोर्ट ने लगाया 10 लाख रुपये का जुर्मानाचंडीगढ़. पिज्जा बनाने वाली Domino’s को कैरी बैग (Carry Bag) के लिए चार्ज करना भारी पड़ा है. कोर्ट ने डोमिनोज (Dominos) पर 10 लाख रुपये का जुर्माना (Fine) लगाया है. डोमिनोज ने चंडीगढ़ के वकील पंकज से वर्ष 2018 में कैरी बैग के लिए पैसे लिए थे. डोमिनोज ने कंज्यूमर कोर्ट के फैसले को स्टेट कमिशन में चुनौती दी थी. पहले भी डोमिनोज पर एक मामले में जुर्माना हुआ था. अब दोनों मामलों में उसपर कुल 10 लाख रुपये का जुर्माना हुआ है. कमिशन ने डोमिनोज को चार लाख 90 हजार रुपए पीजीआई के पेशेंट वेलफेयर फंड में देने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही 10 हजार रुपए कमिशन को देने के साथ-साथ शिकायतकर्ता को 1500 रुपए देने के भी निर्देश दिए. स्टेट कमीशन ने दो मामलों में अलग-अलग ये आदेश जारी किए हैं. इस तरह डोमिनोज कंपनी पर कुल दस लाख रूपये का जुर्माना लगाया गया है.
कंपनी ने दी ये दलील
इस पर कंपनी ने अपने पक्ष में दलील दी कि वो पिज्जा को पहले से कार्डबोर्ड के बॉक्स में पैक कर उपभोक्ता (ग्राहक) को देते हैं. ऐसे में वो किसी को कैरीबैग देने के लिए उत्तरदायी नहीं है. स्टेट कमीशन ने डोमिनोज की इस दलील को नहीं माना.
बाटा कंपनी पर भी लगा था 9,000 जुर्माना
बता दें कि जूते-चप्पल बनाने वाली मशहूर बाटा कंपनी को भी पूर्व में एक ग्राहक से कैरी बैग के लिए तीन रुपये वसूलना महंगा पड़ा था. चंडीगढ़ की उपभोक्ता अदालत ने बाटा इंडिया लिमिटेड को नौ हजार रुपये जुर्माना चुकाने के लिए कहा था. बाटा इंडिया ने कस्टमर को जूतो का बॉक्स रखने के लिए अतिरिक्त तीन रुपये चार्ज किए थे जिस पर उपभोक्ता अदालत ने उसपर नौ हजार का जुर्माना लगाया था. अदालत ने कंपनी को सभी ग्राहकों को कैरी बैग मुफ्त देने का आदेश दिया था.
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कंपनी ने दी ये दलील
इस पर कंपनी ने अपने पक्ष में दलील दी कि वो पिज्जा को पहले से कार्डबोर्ड के बॉक्स में पैक कर उपभोक्ता (ग्राहक) को देते हैं. ऐसे में वो किसी को कैरीबैग देने के लिए उत्तरदायी नहीं है. स्टेट कमीशन ने डोमिनोज की इस दलील को नहीं माना.
बाटा कंपनी पर भी लगा था 9,000 जुर्माना
बता दें कि जूते-चप्पल बनाने वाली मशहूर बाटा कंपनी को भी पूर्व में एक ग्राहक से कैरी बैग के लिए तीन रुपये वसूलना महंगा पड़ा था. चंडीगढ़ की उपभोक्ता अदालत ने बाटा इंडिया लिमिटेड को नौ हजार रुपये जुर्माना चुकाने के लिए कहा था. बाटा इंडिया ने कस्टमर को जूतो का बॉक्स रखने के लिए अतिरिक्त तीन रुपये चार्ज किए थे जिस पर उपभोक्ता अदालत ने उसपर नौ हजार का जुर्माना लगाया था. अदालत ने कंपनी को सभी ग्राहकों को कैरी बैग मुफ्त देने का आदेश दिया था.
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