रूद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल पूरे समर्पण के साथ अपनी ड्यूटी करने वाले उस कांस्टेबल को सम्मानित करेंगे जिसने हाल में उनके निजी वाहन को नियमों का हवाला देते हुए गौरीकुंड से आगे बढ़ने से रोक दिया था. दरअसल, घिल्डियाल केदारनाथ के रास्ते में पड़ने वाले मुख्य पड़ावों के इंतजामों का जायजा लेने के लिये गोपनीय रूप से भ्रमण पर थे. इसी दौरान रास्ते में उनका सामना कांस्टेबल से हुए था. कांस्टेबल ने उनकी गाड़ी को गौरीकुंड से आगे बढ़ने से रोक दिया था.
ने कांस्टेबल से बार- बार आग्रह किया और धन का प्रलोभन भी दिया. इसके बावजूद भी कांस्टेबल ने अधिकारी के वाहन को आगे नहीं जाने दिया और उन्हें नियमों का उल्लंघन कर आगे जाने का प्रयास करने की दशा में जेल में डालने की भी चेतावनी दी थी. यह घटना पिछले रविवार की रात की है, जब घिल्डियाल हिमालयी धाम में व्यवस्थाओं का जायजा लेने के लिए गोपनीय रूप से एक पर्यटक के भेष में गए थे.
पुलिस बैरियर पर पहुंचे लेकिन उस समय ड्यूटी पर तैनात कांस्टेबल मोहन सिंह ने उनके वाहन को यह कहते हुए रोक दिया कि इस प्वाइंट के आगे निजी वाहनों को ले जाने पर रोक है. कांस्टेबल का ड्यूटी के प्रति समर्पण का इम्तहान लेने के लिए टोपी और प्रदूषण रोधी मास्क लगाए घिल्डियाल ने उससे बार-बार जाने देने का आग्रह किया. ऐसे में आग्रह नहीं मानने पर जिलाधिकारी उसे 200 रुपए का 'सुविधा शुल्क' देने का भी प्रलोभन दिया लेकिन वह अपने कर्तव्य से नहीं डिगा.
कांस्टेबल ने जिलाधिकारी को तभी आगे जाने दिया जब उन्होंने अपना निजी वाहन सोनप्रयाग में ही छोड़ दिया. वहीं, घिल्डियाल ने कहा कि श्रद्धालुओं के बड़ी संख्या में आने के कारण कर्मचारियों पर बहुत दबाव रहता है लेकिन ऐसे समय में भी वह कांस्टेबल नियमों पर अड़ा रहा. ऐसा करके उसने अन्य कर्मचारियों के लिए भी एक उदाहरण प्रस्तुत किया है. मंगेश घिल्डियाल ने कहा कि वह व्यक्तिगत तौर पर उस कांस्टेबल से मिलेंगे और उसे सम्मानित करेंगे.
के लिए नकद ईनाम भेज दिया गया है जबकि उसे प्रशस्ति पत्र एक समारोह के दौरान प्रदान किया जायेगा.
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FIRST PUBLISHED : June 13, 2019, 06:14 IST