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Covid !9: एक्सपर्ट बोले-इसलिए कोरोना वॉरियर्स पर गुस्सा निकाल रहे हैं लोग

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यूपी के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) पीवी रामाशास्त्री ने कहा-ज्यादतर मामलों में देखा गया है कि गलत प्रचार की वजह से हमले जैसी घटनाएं हुई हैं. सोशल मीडिया पर भी लगातार नजर रखी जा रही है, ताकि फेक न्यूज न फैले. फेक न्यूज फ़ैलाने वालों की भी पहचान की जा रही है.

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नई दिल्ली. इंदौर में दो जगह कोरोना वॉरियर्स पर हमला किया गया. कानपुर में पुलिस को ही दौड़ा लिया गया. मुरादाबाद, मेरठ में पुलिस और डॉक्टरों पर हमला किया गया. जबकि यह कोरोना वॉरियर्स कोरोना वायरस सस्पेक्ट को उनके मोहल्ले से लेने के लिए गए थे. मेरठ की घटना में डॉक्टर को मोहल्ले के लोगों ने पीटकर भगा दिया कि तुम कोरोना फैला रहे हो. कुछ भ्रामक संदेश भी इसकी वजह बने. इस बारे में एक्सपर्ट का मानना है कि ऐसी घटनाओं के जिम्मेदार दोनों तरफ हैं. दोनों ही लोगों को समझना होगा कि कोरोना और लॉकडाउन के हालात अलग हैं, लेकिन लड़ना दोनों को साथ मिलकर ही है.

ज़रा एक नज़र इन घटनाओं पर डालिए-

-16 अप्रैल को मुरादाबाद के हॉटस्पॉट इलाके नवाबपुरा में गई पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम पर भीड़ ने हमला कर दिया. पथराव किया और टीम की तीन गाडिय़ों को क्षतिग्रस्त कर दिया. टीम में शामिल एक डॉक्टर समेत सात लोग घायल हो गए. पुलिस ने मुकदमा कर सात महिलाओं समेत 17 लोगों को गिरफ्तार किया.

- 29 अप्रैल को कानपुर के बजरिया में पुलिस और मेडिकल टीम पर लोगों ने पथराव कर दिया. इसके बाद पुलिस ने लाठी लेकर लोगों को खदेड़ा तब जाकर माहौल शांत हुआ. एक हॉटस्पॉट इलाके से पुलिस और मेडिकल की टीम 9 लोगों को क्वारंटाइन करने के लिए लेने गई थी. इसी दौरान मोहल्ले के लोग भड़क गए.

- मेरठ में एक डॉक्टर की पड़ोसियों के साथ हाथापाई हो गयी. पुलिस के अनुसार इस मामले में यह अफवाह फैलाई गई कि चिकित्सक के साथ स्थानीय लोगों ने इसलिए हाथपाई की क्योंकि वह कोरोना वायरस से जुड़े वार्ड में नौकरी करते थे. इस मोहल्ले में कोरोना फैलने का खतरा था. डॉ प्रशांत के दाहिने हाथ में चोट आई.

- इंदौर के रानीपुरा में कोरोना वॉरियर्स पर हमले में एक परिवार ने टीम पर थूका. टाटपट्टी बाखल में दो महिला डॉक्टरों सहित पूरी टीम पर इलाके के लोगों ने पथराव कर दिया. तीसरी घटना चंदन नगर में हुई. घर के बाहर भीड़ लगाकर खड़े होने पर मना किया गया तो लोगों ने पुलिस पर पत्थर बरसाए.

इस बारे में यह बोले एक्सपर्ट-

यूपी के पूर्व डीजीपी विक्रम सिंह कहते हैंं, “एक तो पहले से ही इंसान में सब्र की ताकत कम हो चुकी है. ऊपर से इस माहौल में वो और परेशान हो चुका है. इसलिए वो ज़रा-ज़रा सी बात पर उत्तेजित हो जा रहा है. पुलिस को यह देखना चाहिए कि पहले उन्हें बातों से समझाए. महिलाओं और बुजुर्गों के साथ ज़रा नरमी से पेश आए. एक बार को हम महिलाओं और बुजुर्गों को छोड़ भी सकते हैं. लेकिन जो हार्डकोर हैं उन्हें कतई न बख्शें. पनकी जैसी घटनाएं सारे किए कराए पर पानी फेरने जैसी हैं.”

इंदौर के डीआईजी हरि नारायण चारी मिश्रा का कहना है, “पुलिस अधिकारियों का जोश उच्च स्तर पर है, लिहाजा कुछेक घटनाओ का फ़ोर्स पर कोई फर्क नहीं पड़ता, जिन-जिन इलाकों में घटनाएं हुईं अब उन्हीं इलाकों में हमारा स्वागत हो रहा है. पूरे ग्रामीण एवं शहरी इलाकों में सख्ती से लॉक डाउन  का पालन हो रहा है.”

एएमयू में मनोविज्ञान विभाग के प्रोफेसर डॉ. एसए आज़मी का कहना है, “मौजूदा माहौल में इंसान के सोचने का तरीका इस पर निर्भर कर रहा है कि वो कोरोना और लॉकडाउन को किस तरह से ले रहा है. पॉजिटिव या निगेटिव. अगर पॉजिटिव सोच रहा है तो अच्छा है. वो हर चीज़ का अच्छे से पालन करेगा. अगर वो इस निगेटिव ले रहा है तो वो इसे अहम पर भी ले लेता है. तो कुल मिलाकर इंसानी व्यवहार इसी सोच पर बदल रहा है और तरह-तरह की चीज़े सामने आ रही हैं.”

फेक न्यूज पर काबू करके यह काम कर रही यूपी पुलिस 
यूपी के एडीजी (लॉ एंड आर्डर) पीवी रामाशास्त्री ने बताया कि सभी थानों में एक कमेटी हमेशा होती है. जिससे इलाके में सांप्रदायिक सौहार्द बनाने में मदद करती है. लॉकडाउन चल रहा है, लिहाजा मीटिंग तो नहीं हो पा रही है, लेकिन अलग-अलग तरीके से पुलिस लोगों को समझाने का काम कर रही है. समाज के जो पॉपुलर लोग हैं, उनके माध्यम से भी समझाया जा रहा है. लाउडस्पीकर से भी समझाने का प्रयास किया जा रहा है.

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर भी नजर रखी जा रही है. जहां तक बात पुलिस व स्वास्थ्य टीम पर हमले की बात है तो ज्यादतर मामलों में देखा गया है कि गलत प्रचार की वजह से ऐसा हुआ है. जांच में पता चला है कि कुछ लोग कम पढ़े-लिखे हैं जिनके बीच गलत प्रचार हुआ. उन्नाव वाले मामले में ऐसा निकलकर आया. साथ ही फेक न्यूज़ की वजह से भी अफवाह फ़ैल रही है. सोशल मीडिया पर भी लगातार नजर रखी जा रही है, ताकि फेक न्यूज न फैले. फेक न्यूज फ़ैलाने वालों की भी पहचान की जा रही है.

अब स्वागत कर रहे हैं लोग 

इंदौर में न्यूज18 के प्रतिनिधि विकास सिंह चौहान ने बताया कि शरारती तत्वों समेत हमलावरों को गिरफ्तार करने के बाद पुलिस ने इलाके में सख्ती बरती. लगातार फ्लैगमार्च निकाला. साथ ही सभी धर्म गुरुओं के बीच जाकर उनसे बात की और उनके माध्यम से लोगों को समझाया. लिहाजा धीरे-धीरे माहौल बदल गया. अब उन्हीं इलाकों में पुलिस और स्वास्थ्य विभाग की टीम का लोग ताली बजाकर स्वागत कर रहे हैं.

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