हिमाचल में सड़क हादसे: हर साढ़े 3 घंटे में 1 मौत, हर 96 मिनट बाद हादसा
Agency:News18 Himachal Pradesh
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वर्ल्ड हेल्थ ओरगेनाइजेशन की रिपोर्ट है कि हर साल दुनियाभर में साढ़े 12 लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. इनमें से लाखों मौत भारत में ही हो जाती है. देश में सड़क हादसों पर शोध करने वाली संस्थाओं का मानना है कि यह किसी महामारी से कम नहीं है.

हिमाचल प्रदेश में सबसे ज्यादा मौतें सड़क हादसों में होती है. कोई ऐसा दिन नहीं होता जब प्रदेश में छोटा बड़ा हादसा नहीं होता है. एक रिपोर्ट के अनुसार, हिमाचल में हर साल एक हजार से ज्यादा लोग अकाल मृत्यु का शिकार हो जाते हैं.
ये हैं चौंकाने वाले आंकड़ें
न्यूज18 की ओर से जुटाई गई जानकारी के अनुसार, हिमाचल में औसतन हर 96 मिनट बाद एक सड़क हादसा होता है और हर साढ़े 3 घंटे बाद एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में मई तक 419 लोगों की मौत हादसों में हो चुकी है. 2018 में साल हिमाचल में 3119 सड़क हादसे हुए. इनमें 168 लोगों की मौत हुई और 5444 लोग घायल हुए हैं.
हर साल एक हजार से अधिक मौतें
साल 2017 में बिलासपुर में 194, चंबा में 119, हमीरपुर में 120, कांगड़ा में 523, किन्नौर में 34, कुल्लू में 168, लाहुल-स्पीति में 25, मंडी में 423, शिमला में 480, सिरमौर में 306, सोलन में 252, ऊना में 291, बद्दी में 178 लोगों की मौत हुई थी. सूबे में कुल 3114 हादसे हुए थे और हादसों में 1203 मौतें और 5452 लोग घायल हुए थे. साल 2016 में 3168 सड़क हादसे सामने आए, जिनमें 1271 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 5 हजार 764 लोग घायल हुए हैं.
इन वजहों से होते हैं हादसे
मरने वालों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल होते हैं. शराब पीकर गाड़ी चलाना, फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस और तेज रफ्तार हादसे के मुख्य कारण हैं. पहाड़ी रास्तों पर तीखे मोड़ होते हैं और अक्सर नौसिखिये चालक अनियंत्रित खो जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं. सेफ्टी मैन्यूल को भी कम फोलो किया जाता है. इसके अलावा, क्रैश बैरियर और पैराफिट ना होना भी हादसों की बड़ी वजह है.
सूबे में 700 के करीब ब्लैक
हिमाचल प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है. प्रदेश में 697 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. लोक निर्माण विभाग का दावा है कि सर्वे में 516 ब्लैक स्पॉट हैं, जबिक एंबुलेंस कंपनी ने 697 ब्लॉक स्पॉट चिन्हित किए हैं.
देश में हर साल 12 लाख मौतें
वर्ल्ड हेल्थ ओरगेनाइजेशन की रिपोर्ट है कि हर साल दुनियाभर में साढ़े 12 लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. इनमें से लाखों मौत भारत में ही हो जाती है. देश में सड़क हादसों पर शोध करने वाली संस्थाओं का मानना है कि यह किसी महामारी से कम नहीं है.
ये भी पढ़ें: कुल्लू बस हादसा: मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 44, 35 घायल
-10 डिग्री में 13050 फीट ऊंचे रोहतांग पर ITBP जवानों का योग
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ये हैं चौंकाने वाले आंकड़ें
न्यूज18 की ओर से जुटाई गई जानकारी के अनुसार, हिमाचल में औसतन हर 96 मिनट बाद एक सड़क हादसा होता है और हर साढ़े 3 घंटे बाद एक व्यक्ति की मौत हो जाती है. पुलिस की रिपोर्ट के अनुसार, साल 2019 में मई तक 419 लोगों की मौत हादसों में हो चुकी है. 2018 में साल हिमाचल में 3119 सड़क हादसे हुए. इनमें 168 लोगों की मौत हुई और 5444 लोग घायल हुए हैं.
हर साल एक हजार से अधिक मौतें
साल 2017 में बिलासपुर में 194, चंबा में 119, हमीरपुर में 120, कांगड़ा में 523, किन्नौर में 34, कुल्लू में 168, लाहुल-स्पीति में 25, मंडी में 423, शिमला में 480, सिरमौर में 306, सोलन में 252, ऊना में 291, बद्दी में 178 लोगों की मौत हुई थी. सूबे में कुल 3114 हादसे हुए थे और हादसों में 1203 मौतें और 5452 लोग घायल हुए थे. साल 2016 में 3168 सड़क हादसे सामने आए, जिनमें 1271 लोगों को जान गंवानी पड़ी और 5 हजार 764 लोग घायल हुए हैं.
हिमाचल में बीते दस साल में हुए बस हादसे.
इन वजहों से होते हैं हादसे
मरने वालों में बच्चों से लेकर बुजुर्ग तक शामिल होते हैं. शराब पीकर गाड़ी चलाना, फर्जी तरीके से ड्राइविंग लाइसेंस और तेज रफ्तार हादसे के मुख्य कारण हैं. पहाड़ी रास्तों पर तीखे मोड़ होते हैं और अक्सर नौसिखिये चालक अनियंत्रित खो जाते हैं और हादसे का शिकार हो जाते हैं. सेफ्टी मैन्यूल को भी कम फोलो किया जाता है. इसके अलावा, क्रैश बैरियर और पैराफिट ना होना भी हादसों की बड़ी वजह है.
सूबे में 700 के करीब ब्लैक
हिमाचल प्रदेश में सड़कों की हालत खस्ता है. प्रदेश में 697 ब्लैक स्पॉट चिन्हित किए गए हैं. लोक निर्माण विभाग का दावा है कि सर्वे में 516 ब्लैक स्पॉट हैं, जबिक एंबुलेंस कंपनी ने 697 ब्लॉक स्पॉट चिन्हित किए हैं.
देश में हर साल 12 लाख मौतें
वर्ल्ड हेल्थ ओरगेनाइजेशन की रिपोर्ट है कि हर साल दुनियाभर में साढ़े 12 लाख से ज्यादा लोग सड़क हादसों में मारे जाते हैं. इनमें से लाखों मौत भारत में ही हो जाती है. देश में सड़क हादसों पर शोध करने वाली संस्थाओं का मानना है कि यह किसी महामारी से कम नहीं है.
ये भी पढ़ें: कुल्लू बस हादसा: मृतकों का आंकड़ा पहुंचा 44, 35 घायल
-10 डिग्री में 13050 फीट ऊंचे रोहतांग पर ITBP जवानों का योग
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