Rajasthan: SDRI ने पकड़ी प्रदेश में 2500 करोड़ की सबसे बड़ी रॉयल्टी चोरी, यहां पढ़ें इनसाइड स्टोरी
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Agency:News18 Rajasthan
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स्टेट डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस विभाग (SDRI) ने प्रदेश की सबसे बड़ी रॉयल्टी चोरी (Royalty theft) का खुलासा किया है. SDRI की जांच में राज्य की सबसे बड़ी खनन कंपनी 'हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड' (Hindustan Zinc Limited) में 2500 करोड़ रुपए की रॉयल्टी चोरी सामने आई है.

जयपुर. स्टेट डायरेक्ट्रेट ऑफ रेवेन्यू इंटेलिजेंस विभाग (SDRI) ने प्रदेश की सबसे बड़ी रॉयल्टी चोरी (Royalty theft) का खुलासा किया है. SDRI की जांच में राज्य की सबसे बड़ी खनन कंपनी 'हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड' (Hindustan Zinc Limited) में 2500 करोड़ रुपए की रॉयल्टी चोरी सामने आई है. SDRI की जांच के बाद खनन विभाग ने हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड कंपनी को 2500 करोड रुपए रॉयल्टी वसूली का नोटिस थमा दिया है.
कंपनी राजस्थान में लेड-जिंक का खनन करती है
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड कंपनी की ओर से राजस्थान में लेड-जिंक के खनन का कार्य किया जा रहा है. कंपनी की ओर से भीलवाड़ा जिले के रामपुरा व आगुंचा, राजसमंद जिले के सिंदेसर खुर्द व राजपुरा दरीबा, उदयपुर जिले के जावर और अजमेर जिले के कायड़ में खानों का संचालन किया जा रहा है. इनमें लेड-जिंक के अतिरिक्त सिल्वर एवं कैडमियम भी उप उत्पाद (बाई प्रॉडक्ट) के रूप में प्राप्त होते हैं. एमएमडीआर-1957 के अधिनियम के तहत खननकर्ता कंपनी को उत्खनन से प्राप्त खनिज और उससे प्राप्त उप उत्पादों की घोषणा केन्द्र सरकार के विभाग भारतीय खान ब्यूरो एवं राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को करनी होती है.
स्वप्रेरित प्रकरण की विस्तृत जांच में हुआ खुलासा
एसडीआरआई में दर्ज स्वप्रेरित प्रकरण की विस्तृत जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी पिछले कई वर्षों से उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाले चांदी एवं कैडमियम की सही मात्रा की जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी जा रही थी. इससे राज्य सरकार को रॉयल्टी की लगभग 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की राजस्व हानि हुई है. एसडीआरआई ने भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) एवं राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को उपलब्ध कराए गए वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक के हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के उत्पादन के आंकड़ों की जांच करने पर रॉयल्टी चोरी का खुलासा हुआ है.
चांदी के 3645.10 क्विंटल उत्पादन की जानकारी छुपाई गई
हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड को उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाली चांदी के आकड़ों में बड़ा अंतर सामने आया है. हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से खान एवं भू-विज्ञान विभाग को जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए है वो आईबीएम को प्रस्तुत किए गए आकड़ों से मात्रा में कम है. इस संबंध में जब एसडीआरआई ने इसकी गहन जांच की तो कंपनी द्वारा की जा रही हेरा-फेरी का खुलासा हुआ. हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा उत्खनित खनिजों पर रॉयल्टी राज्य सरकार द्वारा वसूल की जाती है. SDRI द्वारा खनिज चांदी के आंकड़ों का विष्लेषण करने पर पाया गया कि वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा चांदी के 3645.10 क्विंटल उत्पादन की जानकारी छुपाई गई है.
2500 करोड़ की वसूली की जाएगी
एसडीआरआई में दर्ज पीआईआर के आधार पर खनिज चांदी पर वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक कम प्राप्त की गई रॉयल्टी के वसूली के लिए खान एवं भू-विज्ञान विभाग में पदस्थापित नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेशक (खान) सर्तकता दीपक तंवर ने हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उदयपुर को 30 दिन की वसूली नोटिस जारी किया है. 30 दिन में कंपनी द्वारा गत 10 वर्षों की घोषित चांदी पर दी गई रॉयल्टी की सही सूचना खान विभाग को प्रदान नहीं की जाने की स्थिति में 2500 करोड़ की वसूली की जाएगी.
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कंपनी राजस्थान में लेड-जिंक का खनन करती है
हिंदुस्तान जिंक लिमिटेड कंपनी की ओर से राजस्थान में लेड-जिंक के खनन का कार्य किया जा रहा है. कंपनी की ओर से भीलवाड़ा जिले के रामपुरा व आगुंचा, राजसमंद जिले के सिंदेसर खुर्द व राजपुरा दरीबा, उदयपुर जिले के जावर और अजमेर जिले के कायड़ में खानों का संचालन किया जा रहा है. इनमें लेड-जिंक के अतिरिक्त सिल्वर एवं कैडमियम भी उप उत्पाद (बाई प्रॉडक्ट) के रूप में प्राप्त होते हैं. एमएमडीआर-1957 के अधिनियम के तहत खननकर्ता कंपनी को उत्खनन से प्राप्त खनिज और उससे प्राप्त उप उत्पादों की घोषणा केन्द्र सरकार के विभाग भारतीय खान ब्यूरो एवं राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को करनी होती है.
स्वप्रेरित प्रकरण की विस्तृत जांच में हुआ खुलासा
एसडीआरआई में दर्ज स्वप्रेरित प्रकरण की विस्तृत जांच में खुलासा हुआ कि कंपनी पिछले कई वर्षों से उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाले चांदी एवं कैडमियम की सही मात्रा की जानकारी राज्य सरकार को नहीं दी जा रही थी. इससे राज्य सरकार को रॉयल्टी की लगभग 2500 करोड़ रुपए से ज्यादा की राजस्व हानि हुई है. एसडीआरआई ने भारतीय खान ब्यूरो (आईबीएम) एवं राज्य सरकार के विभाग खान एवं भू-विज्ञान विभाग को उपलब्ध कराए गए वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक के हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के उत्पादन के आंकड़ों की जांच करने पर रॉयल्टी चोरी का खुलासा हुआ है.
चांदी के 3645.10 क्विंटल उत्पादन की जानकारी छुपाई गई
हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड को उप उत्पाद के रूप में प्राप्त होने वाली चांदी के आकड़ों में बड़ा अंतर सामने आया है. हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड की ओर से खान एवं भू-विज्ञान विभाग को जो आंकड़े प्रस्तुत किए गए है वो आईबीएम को प्रस्तुत किए गए आकड़ों से मात्रा में कम है. इस संबंध में जब एसडीआरआई ने इसकी गहन जांच की तो कंपनी द्वारा की जा रही हेरा-फेरी का खुलासा हुआ. हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा उत्खनित खनिजों पर रॉयल्टी राज्य सरकार द्वारा वसूल की जाती है. SDRI द्वारा खनिज चांदी के आंकड़ों का विष्लेषण करने पर पाया गया कि वर्ष 2012-13 से 2017-18 तक हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड द्वारा चांदी के 3645.10 क्विंटल उत्पादन की जानकारी छुपाई गई है.
2500 करोड़ की वसूली की जाएगी
एसडीआरआई में दर्ज पीआईआर के आधार पर खनिज चांदी पर वर्ष 2012-13 से वर्ष 2017-18 तक कम प्राप्त की गई रॉयल्टी के वसूली के लिए खान एवं भू-विज्ञान विभाग में पदस्थापित नोडल अधिकारी अतिरिक्त निदेशक (खान) सर्तकता दीपक तंवर ने हिन्दूस्तान जिंक लिमिटेड के मुख्य कार्यकारी अधिकारी, उदयपुर को 30 दिन की वसूली नोटिस जारी किया है. 30 दिन में कंपनी द्वारा गत 10 वर्षों की घोषित चांदी पर दी गई रॉयल्टी की सही सूचना खान विभाग को प्रदान नहीं की जाने की स्थिति में 2500 करोड़ की वसूली की जाएगी.
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