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जानिए कौन था 6 लाख का इनामी डकैत बबुली कोल, कैसे बना UP-MP पुलिस की लिस्ट में वांटेड नंबर-1

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यूपी के बुंदलेखंड में इस समय दहशत का सबसे बड़ा नाम बबुली कोल है. उसके नाम से बकायदा लेटरपैड से रंगदारी वसूली जाती है. पुलिस को बबुली कोल के कई लेटरपैड भी बरामद हुए हैं. डकैत बबुली कभी डकैत ददुआ का चेला हुआ करता था.

जानिए कौन था 6 लाख का इनामी डकैत बबुली कोल, कैसे बना UP-MP वांटेड नंबर-1जानिए कौन था 6 लाख का इनामी डकैत बबुली कोल, कैसे बना UP-MP वांटेड नंबर-1
चित्रकूट. कई सालों से यूपी (Uttar Pradesh) और एमपी (Madhya Pradesh) पुलिस (Police) के लिए सिरदर्द बना कुख्यात डकैत बबुली कोल (Dacoit) के गैंगवार (Gangwar) में मौत हो गई है. बता दें कि बबुली कोल की उम्र इस समय करीब 38 साल थी और उस पर इस समय 6 लाख का इनाम घोषित था. चित्रकूट जिले के डोडा सोसाइटी क्षेत्र के के गांव कोलान टिकरिया के मजदूर रामचरन के घर में 1979 में हुआ था. बबुली गांव के ही प्राथमिक स्कूल से क्लास आठ तक की पढ़ाई की. फिर 12वीं की पढ़ाई के लिए वह बांदा चला गया. लेकिन 12वीं की पढ़ाई पूरी करने के बाद आर्थिक स्थित ठीक न होने के चलते गांव आ गया और किसानी करने लगा.

जेल जाने की वजह से बना डकैत
साल 2007 में पुलिस ने उसे ठोकिया की मदद के आरोप में गिरफ्तार कर लिया और तमंचा दिखाकर जेल भेज दिया. छह माह जेल के अंदर रहने के दौरान ठोकिया के साथी लाले पटेल से इसकी मुलाकात हो गई. जेल से छूटने के बाद बबुली ने लाले को छुड़ाने के लिए जाल बिछाया. जब पेशी नें लाले आया तो उसे वहां से बबुली कोल फरार करा ले गया और दोनों पाठा के जंगल में कूद गए. पिछले कुछ महीनों से पुलिस इलाके की काम्बिंग कर रही थी. पुलिस का मानना है कि बारिश के दौरान डकैत जंगल से गांव की तरफ आते हैं. बारिश के बाद घने होते जंगल इनके छिपने का मुफीद इलाका होता है.

तब बबुली कोल गैंग की सितंबर 2017 को पुलिस से मुठभेड़ हुई थी. इस एनकाउंटर में एक डाकू पकड़ा गया तो दूसरी ओर सब इंस्पेक्टर जेपी सिंह शहीद हो गए. इससे पहले भी कई बार बबुली कोल की पुलिस से मुठभेड़ हो चुकी है, लेकिन वह हमेशा पुलिस की पकड़ से दूर ही रहा है.

कभी ददुआ का चेला था...

यूपी के बुंदलेखंड में इस समय दहशत का सबसे बड़ा नाम बबुली कोल था. उसके नाम से बकायदा लेटरपैड से रंगदारी वसूली जाती थी. इससे पहले पुलिस को बबुली कोल के कई लेटरपैड भी बरामद हुए थे. डकैत बबुली कभी डकैत ददुआ का चेला हुआ करता था. ददुआ की मौत के बाद वो दस्यु सरगना बलखड़िया उर्फ बाल खड़े उर्फ सुदेश पटेल के गिरोह में शामिल हुआ. एक मुठभेड़ में बलखड़िया के मरने के बाद बबली कोल गैंग का सरदार बन गया.

लेटर पैड के जरिए वसूली
बबुली कोल पर मारपीट, हत्या, रंगदारी, अपहरण जैसे संगीन मामले दर्ज थे. बीहड़ों में इन दिनों बबुली कोल का राज चलता था और कहा जाता है कि बुंदेलखंड के गांवों में उसकी इजाजत के बिना पत्ता भी नहीं हिलता. बुंदेलखण्ड की जमीं पर डकैतों का राज कई दशकों से रहा है. एक डकैत मरता है तो दूसरा पैदा हो जाता है. कहते हैं कि पाठा के जंगलों में रहने वाला बबुली अपने लेटर पैड से वसूली करता है. बबुली के गैंग के डकैत बुंदेलखंड के गांव-गांव जाकर बबुली का लेटर पैड व्यापारियों को बांटते हैं.

एमपी पुलिस ने किया डकैत बबुली कोल के मौत की पुष्टि

6 लाख का इमामी डकैत बबुली कोल गैंगवार में मारा गया है. एमपी पुलिस के मुताबिक 8 सितंबर को हरसेड गांव से किसान अवधेश के अपहरण के बाद उसने फिरौती वसूली थी. फिरौती की रकम बंटवारे को लेकर डकैतों के बीच विवाद हुआ था. इस विवाद में गैंग के सदस्य डकैत लाले कोल द्वारा सरगना बबुली कोल को गोली मार दी.. बताया जा रहा है कि बबली कोल सहित दो डकैत इस गैंगवार में मारे गए हैं. मध्य प्रदेश की सतना पुलिस ने एनकाउंटर का दावा किया हैं. पुलिस के मुताबिक थारकुंडी इलाके से 7 लाख का इनामी डकैत बबुली कौल और लवलेश कौल का शव बरामद हुआ है.

 

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